नई दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार से कहा है कि वह लॉकडाउन-3 की समाप्ति से दो दिन पहले लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए एक रोडमैप तैयार करे, जिसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों से सुझाव भी मांगे थे. कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी से पूछा, "राष्ट्रीय निकास योजना कहां है?. उन्होंने कहा, "भारत ने लॉकडाउन की घोषणा तब की, जब मामले 181 थे और अब, जब आप लॉकडाउन उठा रहे हैं, तो मामलों की संख्या 80,000 को पार कर गई है. भारत ऐसा करने वाला अमेरिका के अलावा पहला देश है. " उन्होंने कहा कि जब सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम में विविध खंड को लागू करने की घोषणा कर सकती है, तो यह निकास योजना के साथ भी सामने आ सकती है.
तिवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री एक अनोखा खेल खेल रहे हैं, जबकि लॉकडाउन की घोषणा उन्होंने की थी और अब जब चीजें हाथों से बाहर हो रही हैं, तो लोगों के क्रोध का शिकार होने से बचने के लिए राज्यों पर हमला किया जा रहा है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासियों को लेकर भी राज्यों पर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि चूंकि राज्य सरकारों को लोगों का सामना करना पड़ता है, लिहाजा कोई भी सरकार अराजकता की अनुमति नहीं दे सकती.इसलिए, राज्य सरकारों को नियमों में और अधिक लचीलापन लाने दिया जाना चाहिए." यह भी पढ़े: सोनिया गांधी का बड़ा ऐलान- लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से घर लौट रहे मजदूरों के टिकट का खर्च उठाएगी प्रदेश कांग्रेस कमिटी
पार्टी लॉकडाउन से निकलने की रणनीति को लेकर सवाल उठा रही है और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों से रोडमैप के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए कहा है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्यों को क्षेत्र वर्गीकरण पर परामर्श दिया जाना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा है कि अर्थव्यवस्था को खोलने का निर्णय राज्यों पर छोड़ देना चाहिए, क्योंकि वे आपूर्ति श्रृंखला के बारे में बेहतर जानते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा कि लॉकडाउन 4.0 'पूरी तरह से अलग होगा. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी कहा है कि जैसे-जैसे देश आगे बढ़ेगा, फिर से शुरू होने वाली आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। उन्होंने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि ग्रामीण भारत कोविड-19 संकट से मुक्त रहेगा.
जिन मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बातें नहीं सुनी, उन्हें 15 मई तक अपने सुझाव भेजने के लिए कहा गया है. हालांकि महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना ने वर्तमान लॉकडाउन को बढ़ाने पर जोर दिया है, लेकिन कुछ अन्य राज्यों जैसे दिल्ली को अर्थव्यवस्था खोलने के लिए अधिक स्वतंत्रता चाहिए थी, कंटेनमेंट जोन को छोड़कर.