Loan Fraud Case: चंदा कोचर ने बैंक को धोखा दिया, अपने पति की फर्म में किकबैक प्राप्त किया: CBI
सीबीआई (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर: ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने बैंक को धोखा दिया और नियमों का उल्लंघन करके वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण दिलाने में मदद की, और बदले में उनके पति दीपक कोचर की फर्म को 64 करोड़ रुपये दिए गए, सीबीआई ने खुलासा किया जो ऋण धोखाधड़ी मामले की जांच कर रही है. Videocon Fraud Case: ICICI Bank की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति को सोमवार तक CBI हिरासत में भेजा गया

जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने 8 दिसंबर, 2017 को बैंक अधिकारियों और वीडियोकॉन ग्रुप से जुड़े मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की थी.

आईएएनएस द्वारा एक्सेस की गई एफआईआर पढ़ें- यह आरोप लगाया गया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह से जुड़ी सभी कंपनियों ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, सेंचुरी अप्लायंसेज लिमिटेड, कैल लिमिटेड, वैल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इवान फ्रेजर एंड कंपनी लिमिटेड को लगभग 3,250 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं मंजूर कीं. आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के अधिकारियों ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की क्रेडिट नीति के उल्लंघन में इन कंपनियों को क्रेडिट सुविधाएं स्वीकृत कीं.

ऐसे आरोप थे कि धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और एसईपीएल को दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को सर्किट मार्ग (घुमावदार रास्ते) से स्थानांतरित कर दिया. यह 2010-2012 के बीच किया गया था. सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए गहन जांच की क्योंकि आरोप गंभीर प्रकृति के थे.

अधिकारी ने कहा कि उन्हें पता चला है कि जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह की विभिन्न कंपनियों को 6 उच्च मूल्य के ऋण स्वीकृत किए. 2009 में, स्वीकृति समिति द्वारा नियमों और नीति के उल्लंघन में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया था.

सीबीआई ने आरोप लगाया है, चंदा कोचर मंजूरी समिति के सदस्यों में से एक थीं, जिन्होंने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रची और आपराधिक साजिश के तहत बेईमानी से अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए वीआईईएल के पक्ष में ऋण स्वीकृत किया. सीबीआई अधिकारी ने बताया कि लोन मिलने के एक दिन बाद धूत ने दीपक कोचर की कंपनी एनआरएल को वीआईएल से अपनी कंपनी एसईपीएल के जरिए 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.

सीबीआई ने कहा है कि यह चंदा कोचर द्वारा प्राप्त गलत धन था.