महाराष्ट्र में ‘लाडली बहना योजना’ (Ladli Behna Yojana) का इंतजार कर रही महिलाओं के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने मई महीने की किस्त के लिए पैसा खातों में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने इसके लिए अलग-अलग विभागों से पैसा इकट्ठा कर महिला और बाल विकास विभाग को ट्रांसफर किया है. इसलिए यह उम्मीद की जा रही है, कि मई महीने की किस्त तीन से चार दिन के भीतर लाभार्थी महिलाओं के खातों में ट्रांसफर हो सकती है.
हर महीने कितना पैसा मिलता है?
लाडली बहना योजना की शुरुआत विधानसभा चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की थी. इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं. चुनाव के पहले सरकार ने लगातार 5 महीने तक किस्तों का भुगतान किया था. चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया गया था, कि अगर महायुति सरकार फिर से सत्ता में आई, तो ये राशि 1500 से बढ़ाकर 2100 रुपये कर दी जाएगी. हालांकि, चुनाव जीतने के बाद सरकार ने यह वादा पूरा नहीं किया था. इससे यह योजना सरकार के लिए अब ‘गले की हड्डी’ बनती जा रही है, यह न तो निगली जा रही है और न ही उगली जा रही है.
पैसे देने में क्यों हो रही परेशानी?
अब सरकार के लिए हर महीने लाखों महिलाओं को लाडली बहना योजना के तहत पैसा देना मुश्किल हो रहा है. इसके लिए सरकार को दूसरे विभागों के बजट से पैसा निकालकर महिला एवं बाल विकास विभाग को देना पड़ रहा है. अभी मई महीने की किस्त देने के लिए सरकार ने आदिवासी विकास विभाग से 335 करोड़ 70 लाख रुपये ट्रांसफर किए हैं. इससे पहले सामाजिक न्याय विभाग से भी 410 करोड़ 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं.
विभागों में नाराज़गी
रिपोर्ट के मुताबिक, सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री संजय शिरसाट इस बात से नाराज़ हैं, कि उनके विभाग का पैसा बार-बार दूसरी योजनाओं में डाला जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने नाराज होकर यहां तक कहा है, कि अगर सरकार को सामाजिक न्याय विभाग की जरूरत नहीं है, तो इसे बंद ही कर देना चाहिए.
क्या कहता है बजट?
वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने अनुसूचित जनजाति से जुड़ी योजनाओं के लिए कुल 21,495 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस राशि में से 3,420 करोड़ रुपये आदिवासी विकास विभाग को दिए गए थे, ताकि वह जनजातीय समाज से जुड़ी योजनाओं को चला सके. लेकिन, अब इस विभाग की दी गई राशि में से 335 करोड़ 70 लाख रुपये सरकार ने लाडली बहना योजना में खर्च करने के लिए निकाल लिए हैं, ताकि महिलाओं को मई महीने की किस्त दी जा सके.













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