Ladki Bahin Yojan Update: महाराष्ट्र में जहां एक तरफ ‘माझी लड़की बहिन’ योजना के तहत लाखों महिलाएं सितंबर महीने की अपनी 15वीं किस्त का इंतजार कर रही हैं, वहीं राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने इस योजना को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने माना कि ‘लाडकी बहिन’ योजना की वजह से दूसरी सरकारी योजनाओं के लिए फंड की कमी हो रही है.
भुजबल के मुताबिक, ‘लाडकी बहिन’ योजना पर लगभग सरकार सालाना 40,000 से 45,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इतनी बड़ी राशि सिर्फ एक योजना पर खर्च होने के कारण अन्य योजनाओं पर असर पड़ रहा हैं. यह भी पढ़े: Ladki Bahin Yojana Update: महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना को लेकर बड़ा अपडेट: जानें कब जारी होगी 15 किस्त के पैसे
महिलाओं को हर महीने 1500 मिलते हैं
यह योजना पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी. ताकि प्रदेश की महिलों को सशक्त बनाया जा सके. जिसके तहत योग्य महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. लेकिन मंत्री भुजबल ने जिस तरह से इस योजना को लेकर बताया. उससे लगता है. आने वाले दिनों में लाडकी बहन योजना बंद हो जायेगी.
आनंदाचा शिधा’ योजना पर भुजबल ने जताई चिंता
इसके अलावा, भुजबल ने अपने विभाग की लोकप्रिय ‘आनंदाचा शिधा’ योजना के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई. यह योजना 2022 में दिवाली के समय शुरू की गई थी, जिसके तहत केसरिया राशन कार्डधारकों को मात्र ₹100 में चार आवश्यक खाद्य वस्तुओं का पैकेट उपलब्ध कराया जाता है. भुजबळ ने कहा कि ‘लाडकी बहिन’ योजना के भारी खर्च के कारण इस बार ‘आनंदाचा शिधा’ योजना लागू करना कठिन होगा.
भुजबल ने शिव भोजन थाली’ योजना भी जताई चिंता
भुजबल ने बताया कि उनके विभाग की एक और योजना ‘शिव भोजन थाली’ भी संकट में है. इस योजना के तहत लगभग दो लाख जरूरतमंदों को रोजाना ₹10 में भोजन दिया जाता है. इसके लिए सालाना लगभग 140 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, लेकिन अभी केवल 70 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं.
‘शिव भोजन थाली’ क्या है?
‘शिव भोजन थाली’ में दो चपाती, एक सब्जी, एक दाल और एक कटोरी चावल दिया जाता है. शहरों में इसकी वास्तविक लागत ₹50 और ग्रामीण इलाकों में ₹35 आती है, जिसका अंतर राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करती है













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