नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध किसान संगठन बीकेएस यानी भारतीय किसान संघ राजधानी दिल्ली में 'किसान गर्जना रैली' कर रहा है. दावा है कि इस रैली में करीब 40 हजार से ज्यादा किसानों का जमावड़ा है. बीकेएस किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरा हुआ है. रैली में मध्य प्रदेश ,राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गुजरात के किसान पहुंचे हैं. आयोजकों के मुताबिक, रैली में करीब 60,000 लोगों के भाग लेने का अनुमान है. Farmers Protest: पंजाब में किसानों ने ब्रह्मशंकर जिम्पा के आवास के पास किया प्रदर्शन.
सरकार से विभिन्न राहत उपायों की मांग को लेकर ‘किसान गर्जना’ रैली के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में किसानों का जमावड़ा शुरू हो गया है. भारतीय किसान संघ (बीकेएस)- द्वारा जारी एक नोट में कहा गया है, “अगर सरकार ने समय पर किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दिया तो उसे परेशानी का सामना करना पड़ेगा”.
क्या है किसानों की मांग
किसान लागत के आधार पर अपनी फसलों के लिए लाभकारी मूल्य की मांग कर रहे हैं. किसानों ने सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों पर जीएसटी को वापस लेने और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति देने का भी आह्वान किया है.
बीकेएस की मांग है कि केंद्र सरकार को कृषि उपज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाना चाहिए. इसके अलावा संगठन सभी कृषि उपज को जीएसटी से मुक्त करने की मांग भी कर रहा है.
साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में बढ़ोतरी की मांग भी उठाई जा रही है. किसान संगठन अनाज में सब्सिडी के अलावा डीबीटी के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी कर रहा है.
पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की मांग
किसान ‘पीएम-किसान’ योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को बढ़ाने के लिए भी केंद्र पर दबाव दे रहे हैं. दिसंबर 2018 में शुरू की गई योजना के तहत सभी जोत भूमि वाले किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है.
किसान संगठन की मांग है कि सिंचाई और नदी लिंक प्रोजेक्ट्स के लिए भी मदद की जानी चाहिए. देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने की मांग सहित कई अन्य मांगें भी की जा रही हैं.