Kherat Brick Temple: भारत की कला, इसका इतिहास और इसकी अद्भुत विरासत किसी पहचान की मोहताज नहीं है. हजारों वर्षों पूर्व हमारे देश के कलाकारों के पास विज्ञान का इतना गहन ज्ञान और जानकारी थी, जो आज तक भी उस बारीकी से पेश नहीं हो सका है, जिसके निशान वो हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़ गए हैं. अनुमान लगाया जाता है कि प्राचीन समय में छैनी हथोड़े से अधिक कोई औजार नहीं रहे होंगे, बावजूद इसके मंदिरों में एक के पीछे एक हजारों की तादाद में एक समान खम्भे, पत्थरों पर तराशी गई मूर्तियाँ, नक्काशी, एक पत्थर से बनाए गए मंदिर, हवा में झूलते हुए खम्भे, बिना नींव के रखी गई इमारतें आदि तमाम ऐसे रहस्य हैं, जो आज तक अनसुलझे हैं. यानि इनके निर्माण के दौरान देश के कलाकारों ने किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया, यह सवाल प्रश्नवाचक चिह्न बनकर नई पीढ़ी के सामने लम्बे समय से खड़ा है. ऐसी ही एक ईमारत है ब्रिक टेंपल (Brick Temple).
भिण्ड जिले (Bhind District) के खेराट गाँव (Kehrat Village) स्थित यह प्राचीन ब्रिक टेंपल (Ancient Brick Temple) खास तरह की ईंटों से बना है. यह अद्भुत ब्रिक टेंपल सदियों से ज्यों का त्यों खड़ा है, जो कि 10वीं सदी का है. MP MyGov ने देश के अपने माइक्रोब्लॉगिंग मंच, कू पर इसे उजागर करते हुए इसकी विशेषता के बारे में पर्यटकों को जानकारी दी है, जिसमें कहा गया है: आइए जानते हैं भिण्ड जिले के प्राचीन ब्रिक टेंपल के बारे में, जो खास तरह की ईंटों से बना है.
भिण्ड जिले के खेराट गांव का प्राचीन ब्रिक टेम्पल पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है. 10वीं शताब्दी का यह मंदिर भारत सरकार का संरक्षित स्मारक है. यह महिषासुर मर्दिनी (देवी दुर्गा) को समर्पित है, पर इसमें कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है. एक उंचे टीले पर खास तरह की ईंटों से निर्मित इस मंदिर की छत गुंबदनुमा है. यह भी पढ़ें: MP: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, मध्य प्रदेश के 827 वनग्राम बने राजस्व ग्राम
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खास तरह की ईंटों से बना है खेराट गाँव का प्राचीन ब्रिक टेंपल भिण्ड जिले का प्राचीन ब्रिक टेम्पल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. 10वीं शताब्दी का यह मंदिर भारत सरकार का संरक्षित स्मारक है. मान्यता है कि यह महिषासुर मर्दिनी (देवी दुर्गा) को समर्पित है, लेकिन इसमें कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है. एक ऊँचे टीले पर खास तरह की ईंटों से निर्मित इस मंदिर की छत गुंबदनुमा है.
भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रुप से दक्षिण भारत के तर्ज पर बने मंदिर के डिजाइन के उदाहरण अक्सर ईंट और पत्थर दोनों में पाए जाते हैं. भारत सरकार ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया है. ब्रिक टेंपल खास तरह की ईंटों से बना हुआ है. इस की छत गुंबदनुमा है तथा दीवारों पर बेल बूट की नक्काशी की गई है. यह टेंपल पंच रती पत्लानपर के आधार पर बना हुआ है, जो अपने में अनोखी विशेषता रखता है, जिसकी हर एक ईंट आज भी बोलती है.