उत्तराखंड में जल्द लागू होगा UCC कानून, नए नियम में लिव-इन रिलेशनशिप में शादी की तरह रजिस्ट्रेशन करवाना होगा अनिवार्य
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उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) में रहने वालों के लिए खबर है. अब ऐसे जोड़े को शादी जैसा पंजीकरण कराना होगा और अपना आधार कार्ड देना अनिवार्य होगा. यह प्रावधान राज्य में लागू होने वाली समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत किया गया है.

उत्तराखंड में 26 जनवरी से लागू हो सकता है UCC

राज्य में 26 जनवरी से UCC लागू किया जाएगा और इसके लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं, इसके तहत एक विशेष UCC पोर्टल तैयार किया गया है, जिससे संबंधित जानकारी के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. UCC के तहत यह कदम उन जोड़ों के लिए एक नया नियम होगा, जो बिना शादी के एक साथ रह रहे हैं. यह भी पढ़े: UCC Bill Passed In Uttarakhand: उत्तराखंड में सब के लिए लागू होगा एक कानून, विधानसभा में पास हुआ समान नागरिक संहिता बिल

लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण फायदे

UCC के नए नियम के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में पंजीकरण करने से जोड़ों को कई फायदे मिलेंगे. सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि उन्हें कानूनी सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी संपत्ति अधिकार और अन्य कानूनी विवादों में मदद मिल सकेगी। इसके अलावा, आधार कार्ड अनिवार्य होने से पहचान सत्यापन में आसानी होगी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आएगी। सरकार का कहना है कि इस व्यवस्था से समाज में समानता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार और न्याय मिलेगा.

UCC क़ानून सबसे पहले उत्तराखंड में लागू होने जा रहा है

उत्तराखंड देश में पहला राज्य है. जो समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की दिशा में कार्य किया है. राज्य सरकार ने UCC कानून को लागू करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है, और यह कानून 26 जनवरी से प्रभावी हो सकता है.

UCC के बारे में जानें

UCC (समान नागरिक संहिता) एक ऐसा प्रस्तावित कानून है जो भारत में सभी नागरिकों के लिए समान व्यक्तिगत कानून लागू करने का प्रावधान करता है. इसका उद्देश्य सभी नागरिकों, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या संप्रदाय कुछ भी हो, के लिए समान अधिकार और कर्तव्यों की स्थिति बनाना है.

अभी भारत में व्यक्तिगत कानूनों का पालन विभिन्न समुदायों द्वारा अलग-अलग किया जाता है. जैसे, हिंदू धर्म के अनुयायी हिंदू विवाह अधिनियम, मुस्लिम समुदाय के लोग शरीयत कानून के तहत, और ईसाई तथा पारसी विवाह कानूनों के तहत शादी और परिवारिक मामलों का पालन करते हैं.

UCC का उद्देश्य:

  1. समानता: सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलें, जिससे किसी भी धार्मिक, सामाजिक या जातीय आधार पर भेदभाव न हो.
  2. न्याय: यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तिगत कानूनों में सुधार कर सभी के लिए समान अवसर और न्याय की व्यवस्था हो.
  3. समाज सुधार: यह सामाजिक सुधारों के रूप में भी काम करता है, जैसे महिलाओं के अधिकारों में सुधार, तलाक, शादी, संपत्ति अधिकार आदि के मामलों में समानता.

UCC को लागू करने का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय की स्थिति बनाना है, ताकि किसी भी धर्म या समुदाय के आधार पर भेदभाव न किया जाए.