West Nile Virus: केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) संक्रमण के कम से कम 10 मामले सामने आए हैं. उत्तरी केरल के दोनों जिलों में पांच-पांच मामले सामने आए हैं. अधिकारियों ने कहा कि 10 संक्रमितों में से नौ ठीक हो गए हैं जबकि एक का कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि जिन इलाकों में वे रहते हैं, वहां से कोई नया मामला सामने नहीं आया है. Heatstroke Warning: घर के अंदर हीटस्ट्रोक की चपेट में आया शख्स, जानलेवा साबित हो सकती है ये गर्मी.
दो मौतों की आशंका
हाल के दिनों में दो लोगों की मौत WNV वायरस के कारण होने की आशंका है, हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. नमूनों को परीक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया है.
वेस्ट नाइल वायरस क्या है और यह कैसे फैलता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वेस्ट नाइल वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. जब मच्छर संक्रमित पक्षियों को खाते हैं तो वे संक्रमित हो जाते हैं और वायरस को मनुष्यों और अन्य जानवरों में फैलाते हैं. मानव-से-मानव संक्रमण के मामले अभी तक ज्ञात नहीं हैं. WNV जीनस फ्लेविवायरस का सदस्य है और जापानी एन्सेफलाइटिस एंटीजेनिक सेरोकोम्पलेक्स से संबंधित है.
WNV के लक्षण
अमेरिका स्थित रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, डब्ल्यूएनवी से संक्रमित 10 में से आठ लोगों में लक्षण विकसित नहीं होते हैं और वे अपने आप ठीक हो सकते हैं. हालांकि, अन्य लोगों को बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी और दस्त का अनुभव होता है. कुछ मामलों में, एन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार) या मेनिन्जाइटिस (दिमाग और रीढ़ की हड्डी की झिल्ली की सूजन) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं जिनके घातक न्यूरोलॉजिकल परिणाम हो सकते हैं और मृत्यु भी हो सकती है.
इलाज
वेस्ट नाइल बुखार का पता करने के लिए पहले टेस्ट किया जाता है. इसके लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है. गंभीर मामलों में, रोगियों को अस्पताल में भर्ती करना होगा और अंतःशिरा तरल पदार्थ और दर्द की दवा जैसे सहायक उपचार देना होगा.