नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा शासित एमसीडी (MCD) द्वारा अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं देने के मुद्दे पर आज फिर भारतीय जनता पार्टी को घेरा. पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक (Durgesh Pathak) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार शिक्षकों को अक्टूबर तक वेतन देने के लिए एमसीडी को 746 करोड़ रुपए दे चुकी है, लेकिन फिर भी भाजपा ने उन्हें वेतन नहीं दिया और पूरा पैसा खा गई. कई महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज नार्थ एमसीडी के स्कूलों के शिक्षक आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के आवास पर धरने पर बैठ गए हैं. दुर्गेश पाठक ने कहा कि दिल्ली सरकार ने शिक्षकों को अक्टूबर तक सैलरी देने के लिए ईस्ट एमसीडी को 175, नार्थ एमसीडी को 344 और साउथ एमसीडी को 227 करोड़ रुपए दिया है.
उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने आपके अक्टूबर तक के वेतन का पैसा एमसीडी को दे दिया है, लेकिन भाजपा आपको सैलरी नहीं दे रही है। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से सवाल किया कि जब दिल्ली सरकार ने सैलरी का पैसा दे दिया है, तो आज तक शिक्षकों को सैलरी क्यों नहीं दी गई, वो सारा पैसा किसने खाया? आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा पिछले 14 सालों से एमसीडी को चला रही है। भाजपा ने एमसीडी की हालत खराब कर दी है। भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के चलते आज एमसीडी के डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, सफाई कर्मी और अन्य कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है. यह भी पढ़े: दिल्ली: एमसीडी डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने को सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया शर्मनाक, कहा- अपनी जान को जोखिम में डालकर इलाज करने वाले आज हड़ताल पर हैं
एमसीडी के कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर धरने पर हैं. एमसीडी के शिक्षकों को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन की मांग को लेकर शिक्षक आज सुबह से ही दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के घर के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं।उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली सरकार जो भी पैसा एमसीडी को देती है उसे भाजपा के नेता खा जाते हैं. नॉर्थ एमसीडी के शिक्षकों के अक्टूबर तक के वेतन का पैसा दिल्ली सरकार ने जारी किया है.नॉर्थ एमसीडी को 344 करोड़, ईस्ट एमसीडी को 175 करोड़, साउथ एमसीडी को 227 करोड़ रुपए, यानी कुल मिलाकर दिल्ली सरकार ने तीनों एमसीडी को 746 करोड़ रुपए दिए हैं. शिक्षकों के वेतन का अक्टूबर तक का सारा पैसा दिल्ली सरकार ने एमसीडी को जारी कर दिया है.
दुर्गेश पाठक ने कहा कि जब दिल्ली सरकार ने शिक्षकों के वेतन का पैसा एमसीडी को दे दिया है, तो फिर शिक्षकों को उनका वेतन क्यों नहीं मिल पा रहा है? क्यों एमसीडी उनका पैसा जारी नहीं कर रही है? शिक्षकों को वेतन न मिलने से यह साफ हो गया है कि जो 746 करोड रुपए दिल्ली सरकार ने एमसीडी को दिए थे, वह सारा पैसा भाजपा के नेता खा गए हैं। मैं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता जो कि खुद पार्षद और मेयर रह चुके हैं, उनसे पूछना चाहता हूं कि शिक्षकों के वेतन का यह सारा का सारा पैसा कहां है? आदेश गुप्ता जी जवाब दें कि यह सारा पैसा कहां गया और किन-किन नेताओं में यह पैसा बांटा गया है?
उन्होंने कहा कि मैं एमसीडी के शिक्षकों से कहना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार ने आपका अक्टूबर तक का वेतन एमसीडी को दे दिया है। आपके वेतन का पैसा भाजपा नेता खा गए हैं। आज एमसीडी को कितना भी पैसा दे दो, चाहे वह शिक्षकों के वेतन का पैसा हो या फिर पेंशन का पैसा, भाजपा नेता सारा पैसा खा जाते हैं। मैं आदेश गुप्ता जी से पूछना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार ने जो पैसा जारी किया है, उस से अभी तक शिक्षकों को वेतन क्यों नहीं दिया गया है? दिल्ली की जनता पूछना चाहती है कि जो पैसा दिल्ली सरकार ने एमसीडी को जारी किया था वह किस की जेब में गया?
दुर्गेश पाठक ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों के वेतन का पैसा खा जाना एक आपराधिक गतिविधि है। शिक्षकों के वेतन के पैसे से भाजपा के पार्षद बड़ी-बड़ी गाड़ियां खरीद रहे हैं और ऊंचे-ऊंचे बंगले बना रहे हैं। वहीं, जिन शिक्षकों का यह पैसा है, वो आज सड़क पर हैं, भूखे मर रहे हैं और पुलिस की लाठियां खा रहे हैं। भाजपा शासित एमसीडी के कण-कण में आज भ्रष्टाचार भरा हुआ है.भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के चलते आज कोरोना योद्धा डॉक्टर, शिक्षकों, सफाई कर्मियों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। यह सारा का सारा पैसा भाजपा के नेता आपस में बांट लेते हैं.