J&K Exit Polls: एग्जिट पोल में पिछड़ी बीजेपी क्या दिखा पाएगी करिश्मा? परदे के पीछे चल रहा ये गेम
PM Modi, Amit Shah | PTI

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 8 अक्टूबर को सामने आएंगे, लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं. अधिकतर एग्जिट पोल्स में यह संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस का गठबंधन पहले नंबर पर रहने के बावजूद स्पष्ट बहुमत से दूर रहेगा, और बीजेपी भी अपने बहुमत के सपने से पीछे रह सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीजेपी का जम्मू-कश्मीर में अपनी सरकार बनाने का ख्वाब अधूरा रह जाएगा या पर्दे के पीछे कुछ बड़ा खेल चल रहा है?

J&K Exit Poll Results 2024: जम्मू-कश्मीर में NC, कांग्रेस सबसे आगे, लेकिन बहुमत के लिए है कड़ी जंग.

रणनीति से बनाएगी सरकार?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी कुछ लूपहोल्स का फायदा उठाकर सरकार बनाने का प्रयास कर सकती है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों में से बीजेपी ने इस बार 62 सीटों पर ही चुनाव लड़ा है, जबकि बाकी सीटों को कश्मीर घाटी में खास रणनीति के तहत खाली छोड़ दिया गया. इसके पीछे का मकसद निर्दलीयों और संभावित सहयोगियों के जरिए सरकार बनाने का हो सकता है.

जम्मू में मजबूत पकड़ की उम्मीद

सूत्रों के अनुसार, बीजेपी को जम्मू क्षेत्र की 43 सीटों में से 28 से 35 सीटों पर जीत की उम्मीद है. कश्मीर क्षेत्र की 47 सीटों में से बीजेपी 10-12 निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत की संभावना देख रही है, जिन्हें माना जा रहा है कि बीजेपी ने ही रणनीतिक तौर पर खड़ा किया था. अगर ये निर्दलीय जीत जाते हैं, तो बीजेपी के लिए उन्हें अपने पक्ष में लाना मुश्किल नहीं होगा.

बागी कांग्रेस प्रत्याशियों से सहयोग की उम्मीद

राजनीतिक पंडितों के अनुसार, बीजेपी इन निर्दलीयों और कांग्रेस के संभावित बागी प्रत्याशियों के सहयोग से सरकार बनाने का आंकड़ा 42 से 48 तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए बीजेपी पहले से ही कांग्रेस के बागी नेताओं से संपर्क साध रही है ताकि चुनाव परिणामों के बाद उन्हें अपने पक्ष में कर सके.

बीजेपी के पास है ये बड़ा दांव

बीजेपी के पास एक और बड़ा दांव है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने पीओके और पश्चिम पंजाब से आने वाले शरणार्थियों के लिए 5 सीटें आरक्षित की हैं. इन सीटों को एलजी मनोनयन के जरिए भरा जाएगा, और ये सभी सदस्य विधानसभा में मतदान करने का अधिकार रखेंगे. यह बीजेपी के पक्ष में एक बड़ा खेल हो सकता है, जिससे उसकी सीटें अचानक 5 और बढ़ जाएंगी.

क्या बीजेपी बना पाएगी सरकार?

ऐसे में जब सदन में बहुमत साबित करने की बात आएगी, तो बीजेपी इन आरक्षित सीटों और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से बहुमत के आंकड़े को छू सकती है. हालांकि, यह सब राजनीतिक गणनाएं हैं और अंतिम नतीजे ही तय करेंगे कि बीजेपी का जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का सपना पूरा होगा या नहीं. लेकिन यह तय है कि बीजेपी के पास कुछ ऐसे पत्ते हैं, जिनके जरिए वह 8 अक्टूबर के बाद बड़ा राजनीतिक खेल कर सकती है.