जम्मू-कश्मीर में 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि ज्यादातर एग्जिट पोल किसी भी प्रमुख दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दे रहे हैं. हालांकि, कुछ एग्जिट पोल्स ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC)-कांग्रेस गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया है, लेकिन वे बहुमत के आंकड़े से पीछे रह सकते हैं. एग्जिट पोल्स के अनुसार, NC-कांग्रेस गठबंधन 90 सीटों में से 41 सीटें जीत सकता है, जबकि बीजेपी को 27 सीटें मिलने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है, जो इस गठबंधन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है.
2014 के चुनावों जैसी स्थिति
यह पहली बार नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी है. 2014 में भी राज्य ने ऐसा ही नतीजा दिया था, जब पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसने चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. इस बार भी, कोई भी दल स्पष्ट बहुमत हासिल करता नहीं दिख रहा है, जिससे एक बार फिर गठबंधन सरकार की संभावना बन रही है.
370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव
यह चुनाव खास इसलिए है क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुआ पहला विधानसभा चुनाव है. तीन चरणों में संपन्न हुए इस चुनाव ने क्षेत्र में राजनीतिक सक्रियता का एक नया अध्याय जोड़ा है. जम्मू-कश्मीर में इस चुनाव के दौरान जनता ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और मतदान प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण रही.
गठबंधन और पार्टी की स्थिति
NC और कांग्रेस, जो 'इंडिया' गठबंधन के हिस्से हैं, ने मिलकर यह चुनाव लड़ा. वहीं, पीडीपी और बीजेपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. एग्जिट पोल्स के नतीजों को देखकर लग रहा है कि पीडीपी और बीजेपी को अपनी उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है.
8 अक्टूबर को मतगणना
अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब चुनावी नतीजे घोषित होंगे. अगर एग्जिट पोल्स सही साबित होते हैं, तो जम्मू-कश्मीर में एक और गठबंधन सरकार बनने की संभावना है, जहां NC-कांग्रेस और अन्य दलों को मिलकर सरकार बनानी पड़ सकती है.
जम्मू-कश्मीर का यह विधानसभा चुनाव न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे आने वाले दिनों में क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण भी तय होंगे. अगर NC-कांग्रेस गठबंधन बहुमत से चूकता है, तो अन्य छोटे दलों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी, जिससे एक जटिल और चुनौतीपूर्ण राजनीतिक स्थिति पैदा हो सकती है.