कोविड 19 के कारण अगर आप अपना जॉब खो चुके हैं अथवा किन्हीं भी वजहों से आप अपना खुद का व्यवसाय शुरु करने की योजना बना रहे हैं तो केंद्र सरकार की यह पहल आपके लिए काफी कारगर साबित हो सकती है. केंद्र सरकार की इस योजना आप अच्छी आय अर्जित कर स्वनिर्भर हो सकते हैं. आइये जानें क्या है केंद्र सरकार की यह योजना और कैसे आप इस योजना में शामिल होकर एक सफल व्यवसायी बनने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं. मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि, वित्तीय समावेशन में चीन, जर्मनी से आगे निकला भारत.
दरअसल केंद्र सरकार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra Business) खोलने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रही है. कम लागत में अच्छी कमाई देने वाला यह व्यवसाय एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है. आइये जानें इस योजना के बारे में विस्तार से. इस व्यवसाय को शुरु करने के लिए सर्वप्रथम 'रिटेल ड्रग सेल्स' का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिकृत वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड करें. इसके बाद आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजें.
वर्गीकरण (Categories) खुद का जनऔषधि केंद्र शुरु करने के लिए केंद्र सरकार ने तीन वर्ग (Category) निर्धारित किये हैं. पहले वर्ग में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर अथवा पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र शुरु कर सकता है. दूसरे वर्ग में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, स्वयं सहायता समूह वाले आते हैं, जबकि तीसरे वर्ग में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट एजेंसियों को अवसर दिया गया है. ऋण वापसी योजना जन औषधि केंद्र शुरु करने के लिए दुकान में फर्नीचर के लिए 1.5 लाख रुपए तक का खर्च आता है, जबकि कंप्यूटर और फ्रिज में लगभग 50 हजार रुपए का खर्च आता है.
इस धनराशि को मासिक आधार पर अधिकतम 15 हजार रुपए तब तक वापस करना जरूरी होता है, जब तक 2 लाख रुपए की राशि चुकता ना हो जाये. इस इंसेंटिव को मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, के आधार पर दिया जाता है. जन औषधि केंद्र व्यवसाय में अच्छी कमाई होती है. इसे शुरु करने पर दवा की बिक्री पर 20 प्रतिशत मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाता है.
इसमें नॉर्मल एवं स्पेशल इंसेंटिव का भी प्रावधान है नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में केंद्र सरकार दवा की दुकान शुरु करने में आने वाले खर्च को वापस लौटा देती है. जनऔषधि केंद्र एक ऐसी सरकारी योजना है, जिसके तहत आम लोगों को कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके जरिये केंद्र सरकार लोगों को सस्ती कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराती है. केंद्र सरकार इस योजना के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों में 'प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र' खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक 10,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया है.