Jama Masjid Survey: अब दिल्ली की जामा मस्जिद का होगा सर्वे? सीढ़ियों के नीचे मूर्तियों के अवशेष होने का दावा
Delhi Jama Masjid | Wikimedia Commons

नई दिल्ली: दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद एक बार फिर चर्चा में है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को पत्र लिखकर जामा मस्जिद के सर्वे की मांग की है. उनका दावा है कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मंदिर के अवशेष मौजूद हैं, जो मुगल सम्राट औरंगजेब द्वारा तोड़े गए कृष्ण मंदिरों से संबंधित हैं. विष्णु गुप्ता का दावा है कि जोधपुर और उदयपुर के प्राचीन कृष्ण मंदिरों को औरंगजेब ने नष्ट किया था और उनके अवशेष जामा मस्जिद की सीढ़ियों में इस्तेमाल किए गए हैं.

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यह दावा 'मसीर-ए-आलमगीरी' नामक पुस्तक पर आधारित है, जिसे औरंगजेब के दरबारी लेखक साक़ी मुस्तक़ ख़ान ने लिखा था. इस पुस्तक में उल्लेख है कि 24-25 मई, 1689 को औरंगजेब के सेनापति खान जहां बहादुर ने मंदिरों को नष्ट किया और उनकी मूर्तियों को तोड़कर दिल्ली भेजा.

जामा मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व

दिल्ली की जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है, जिसका निर्माण 1656 में औरंगजेब के पिता शाहजहां ने करवाया था. यह मस्जिद न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. मस्जिद की भव्यता और वास्तुकला भारतीय मुस्लिम इतिहास की एक अमूल्य धरोहर मानी जाती है.

विष्णु गुप्ता ने एएसआई डायरेक्टर को लिखे पत्र में कहा, “किताब के मुताबिक मई 24-25, 1689 के दिन ख़ान जहां बहादुर जोधपुर से मंदिरों को तबाह कर के लौटा. औरंगजेब की जीवनी में लिखा हुआ है कि खान जहां बहादुर द्वारा मंदिरों को ध्वस्त किए जाने, उन्हें लूटने और प्रतिमाओं को विखंडित किए जाने पर बादशाह बहुत खुश हुआ. उसके बाद बैल गाड़ियों से टूटी हुए मूर्तियों के अवशेष दिल्ली रवाना कर दिए गए. इसलिए इसका सर्वे होना चाहिए."

संभल का मामला और इसके प्रभाव

इससे पहले उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे की मांग पर हिंसा भड़क चुकी है. संभल में भी यह दावा किया गया था कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष हैं. सर्वे की मांग ने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव बढ़ा दिया और विवाद को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया.

बता दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ऐसी संरचनाओं की देखरेख करता है जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं. कोई भी सर्वेक्षण तभी किया जा सकता है जब इसके लिए पर्याप्त सबूत और कोर्ट का आदेश हो. सुप्रीम कोर्ट ने भी धार्मिक स्थलों को लेकर विवादित मुद्दों को संवेदनशील मानते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है.