
ITR Filing 2025 : नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हर साल 1 अप्रैल से, करदाता पिछले वित्तीय वर्ष के लिए अपना ITR फाइल कर सकते हैं. लेकिन, अधिकांश नियोक्ता अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 मई के मध्य के बाद ही जारी करते हैं, जिसके कारण बहुत से लोग अपनी रिटर्न फाइलिंग में देरी कर देते हैं.
इसलिए क्या आप जानते हैं, कि फॉर्म 16 के बिना भी आप ITR दाखिल कर सकते हैं? फॉर्म 16 आपके वेतन और TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की जानकारी देता है, जिससे रिटर्न फाइल करना आसान हो जाता है. लेकिन अगर आपके पास यह फॉर्म नहीं है, तो आप कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की मदद से बिना किसी परेशानी के अपना ITR फाइल कर सकते हैं.
फॉर्म 16 के बिना ITR कैसे भरें?
सैलरी स्लिप्स इकट्ठा करें
आप अपनी वित्तीय वर्ष की सारी सैलरी स्लिप्स इकट्ठा करे. यह सारी स्लिप्स आपके वेतन, भत्तों और कटौतियों की जानकारी देती हैं. इनका उपयोग करके आप अपनी आय का सही डिटेल्स भर सकते हैं.
टैक्सेबल इनकम की गणना करें
आप अपनी सैलरी स्लिप्स से अपनी कुल आय निकाल ले और इसमें आपका बेसिक वेतन, भत्ते (HRA, LTA, विशेष भत्ते) और बोनस जैसे अन्य लाभ शामिल करें. इसके बाद, इनकम टैक्स के तहत मिलने वाली कटौतियों (जैसे स्टैण्डर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये, HRA, और प्रोफेशनल टैक्स) को घटाकर अपनी टैक्सेबल इनकम का हिसाब करें. आप इस बात का ध्यान जरुर दे की, पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ही इन कटौतियों और छूट का लाभ आपको मिलेगा. नई टैक्स व्यवस्था में केवल 75,000 रुपये की स्टैण्डर्ड डिडक्शन ही मिलती है.
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बैंक स्टेटमेंट चेक करें
अपने बैंक स्टेटमेंट को चेक करें और देखें कि क्या आपको वेतन के अलावा कोई अन्य आय (जैसे ब्याज, डिविडेंड आदि) मिली है. अगर आपको अन्य आय मिली है, तो आप इसे अपनी कुल आय में जोड़ ले.
फॉर्म 26AS डाउनलोड करें
आयकर विभाग की वेबसाइट से फॉर्म 26AS डाउनलोड करें. यह फॉर्म आपके PAN से जुड़ी सभी टैक्स डिडक्शन्स और डिपॉजिट्स का रिकॉर्ड रखता है. इसे अपनी आय और TDS डिटेल्स से मिलाकर चेक करे. अगर इसमें कोई गड़बड़ी हो, तो तुरंत अपने नियोक्ता या बैंक से संपर्क करें.
क्यों है फॉर्म 16 जरूरी?
फॉर्म 16 एक अहम दस्तावेज़ है, जिसे नियोक्ता द्वारा जारी किया जाता है. फॉर्म 16 यह प्रमाणित करता है, कि आपके वेतन से कटे गए TDS को सरकार के खजाने में जमा कर दिया गया है.
फॉर्म 16 दो भागों में होता है:
- भाग A: इसमें नियोक्ता और कर्मचारी के विवरण, PAN, TAN और TDS की जानकारी होती है.
- भाग B: इसमें वेतन का ब्रेकअप, टैक्सेबल इनकम, कटौतियाँ (जैसे 80C, 80D) और टैक्सेबल इनकम की डिटेल्स होती है.
फॉर्म- 16 के फायदे
- फॉर्म 16 से ITR फाइल करना आसान होता है.
- यह बैंक लोन के लिए आय का प्रमाण पत्र भी होता है.
- यदि TDS अधिक कट गया है, तो इसके माध्यम से टैक्स रिफंड भी क्लेम किया जा सकता है.