चेन्नई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को एक और कामयाबी हासिल करते हुए श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी49 (PSLV-C49) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इसरो (ISRO) ने इस प्रक्षेपण यान के जरिए नौ अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों के साथ पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-01 को भेजा है. लॉन्च के कुछ समय बाद सभी नौ ग्राहक उपग्रह सफलतापूर्वक अलग हो गए और अपनी कक्षाओं स्थापित हो गए. पांच नवंबर : भारत ने अपना पहला मंगलयान अंतरिक्ष में रवाना किया
इसरो प्रमुख के सिवन (K Sivan) ने कहा कि यह मिशन इसरो के लिए बहुत खास और असामान्य है. अंतरिक्ष गतिविधि वर्क फ्रॉम होम नहीं की जा सकती है. प्रत्येक इंजीनियर को लैब में उपस्थित होना पड़ता है. इस तरह के मिशनों के बारे में बात की जाएँ तो हर तकनीशियन, कर्मचारी को एक साथ काम करना पड़ता है.
WATCH ISRO launches EOS01 and 9 customer satellites from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota pic.twitter.com/2ifOeAYIpx
— ANI (@ANI) November 7, 2020
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (रऊरउ) में पहले लॉन्च पैड से आज दोपहर को भारतीय ध्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान अपने 51वें मिशन (पीएसएलवी-सी49) के तहत रवाना हुआ. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा है कि ईओएस-01 कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन सहायता में प्रयोग किए जाने वाला एक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है. दूसरे देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष विभाग के न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ वाणिज्यिक समझौते के तहत लॉन्च किया गया.
Watch Live: Launch of EOS-01 and 9 customer satellites by PSLV-49 https://t.co/H4jE2fUhNQ
— ISRO (@isro) November 7, 2020
इसरो ने शुक्रवार को कहा, ‘‘पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 मिशन: सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी), श्रीहरिकोटा में पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 मिशन के प्रक्षेपण की उलटी गिनती आज 13:02 बजे शुरू हुई.’’ हालांकि प्रक्षेपण दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर किया गया.
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इसरो इस बार पीएसएलवी रॉकेट के डीएल वैरिएंट का इस्तेमाल किया है जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर मोटर्स लगे है. इस रॉकेट वैरिएंट का इस्तेमाल पहली बार 24 जनवरी 2019 को माइक्रोसेट आर उपग्रह को कक्षा में रखने के लिए किया गया था.