दिसपुर: सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने असम (Assam) में एक इंटरनेशनल पशु तस्करी रैकेट (International Cattle Smuggling Racket) का भंडाफोड़ किया है. यहां के कामरूप (Kamrup) जिले में एसएसबी (SSB) ने 600 से अधिक मवेशियों को बचाने के साथ 23 मवेशी तस्करों को गिरफ्तार किया है. सभी मवेशियों को 21 ट्रकों में भरकर ले जाया जा रहा है. ट्रकों को जब्त कर गैर कानूनी रूप से मवेशियों को ले जाने का केस दर्ज किया गया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक एसएसबी के जवानों ने बुधवार को एक अंतर्राष्ट्रीय पशु तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. कामरूप के रंगिया (Rangia) इलाके में 600 से अधिक मवेशियों को ले जा रहे 21 ट्रकों को जब्त किया गया है. फिलहाल ये मवेशी कहां से लाए गए और कहां ले जाए जा रहे थे, इसकी जांच चल रही है. तस्करों का नायाब तरीका: शादी के कार्ड में छिपाकर 5 करोड़ की ड्रग्स भेज रहे थे ऑस्ट्रेलिया
उल्लेखनीय है कि सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते हाल के महीनों में मवेशी तस्करी में भारी गिरावट देखी गई है. आईएएनएस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बेईमान कर्मियों के खिलाफ अभूतपूर्व निगरानी और कार्रवाई के बाद मवेशी तस्करी में 96 प्रतिशत तक कमी आई.
Assam: Shastra Seema Bal (SSB) personnel today busted an international cattle smuggling racket and seized 21 trucks carrying over 600 cattle in Rangia area of Kamrup. 23 persons have been arrested. Further probe underway. pic.twitter.com/aXa8uHeTjq
— ANI (@ANI) February 26, 2020
सितंबर 2018 से अगस्त 2019 तक पश्चिम बंगाल से त्रिपुरा तक फैली लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा पर भारी कार्रवाई में लगभग 500 सीमापार तस्कर गिरफ्तार हुए, वहीं बीएसएफ के 45 जवान घायल हुए. मवेशी तस्करी के सबसे बड़े मार्ग को बंद करने की बीएसएफ की पहल ने हरियाणा से असम तक अच्छी तरह पनप चुके तस्करी गिरोहों की कमर तोड़ कर रख दी है.
तस्कर प्राथमिक मार्ग के तौर पर सीमा पर योजनाबद्ध तरीके से अपेक्षाकृत लंबा नदी वाला मार्ग अपनाते थे. लेकिन नदी में गश्त बढ़ने से मवेशी, खासकर गायों की तस्करी में भारी गिरावट आई है. कहा जाता है कि इससे बांग्लादेश में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का बीफ निर्यात उद्योग को बढ़ावा मिलता है.
बीएसएफ के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार मात्र 5,000 रुपये में तस्करी कर ले जाई गई एक गाय भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित बूचड़खानों में पहुचने के बाद 50,000 रुपये तक की हो सकती है. (एजेंसी इनपुट के साथ)