Section 69 of BNS: देश में एक जुलाई से नया आपराधिक कानून लागू हो चुका है. इसके तहत आपराधिक मामलों में अब भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) के नियमों के तहत सजा मिलेगी. इसमें धारा 69 (शादी या नौकरी के झूठे वादे करके यौन संबंध बनाना) को अपराध माना गया है. इसे लेकर कानून विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. उनका मानना है कि यह धारा समाज को लाभ के बजाय नुकसान पहुंचा सकती है. इन मामलों में आरोपी के लिए खुद को बेगुनाह साबित करना बहुत कठिन हो जाएगा.
दरअसल, बीएनएस की धारा 69 में लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को धोखा देकर उसका यौन शोषण करता है तो उसे कम से कम 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसमें 'धोखाधड़ी' को नौकरी, प्रमोशन का लालच, झूठा वादा या पहचान छिपाकर शादी करने के रूप में परिभाषित किया गया है.
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कानून विशेषज्ञों के अनुसार, किसी व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 69 लगने पर यह साबित करना मुश्किल होगा कि वह पीड़ित महिला से शादी करना चाहता था, लेकिन किसी कारण से नहीं कर सका. इन मामलों में लिखित संदेश, कॉल रिकॉर्डिंग और तस्वीरों को वादा तोड़ने के सबूत के तौर पर पेश किया जा सकता है. इसके बावजूद यह कहना मुश्किल होगा कि शादी के वादे के आधार पर यौन संबंध बनाए गए थे. इससे पुरुषों के जीवन पर गहरा असर पड़ सकता है.