नई दिल्ली: अब जल्द ही आप विमान में बैठ असमान से भी अपने चहेते को कॉल और संदेश भेज पाएंगे. एक सराहनीय कदम उठाते हुए दूरसंचार आयोग ने मंगलवार को इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी को मंजूरी दे दी है. जिससे विमान में यात्रा के दौरान वॉयस और डेटा कॉल व डेटा सर्फिग संभव हो जायेगा.
दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदराजन ने मंगलवार को हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की लगभग सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है. हम प्रक्रिया में तेजी ला रहे हैं और तीन महीने के भीतर यह तैयार हो जाएगा. उसके बाद तुरंत इस फैसले को लागू कर दिया जाएगा."
उन्होंने कहा कि ट्राई की सिफारिशों में केवल दो अपवाद थे. क्षेत्र के नियामक ने कहा कि विदेशी उपग्रहों और विदेशी प्रवेश द्वारों की भी अनुमति दी जानी चाहिए, "लेकिन सचिवों की बैठक की एक पूर्व समिति थी, जिसने फैसला किया कि यह एक भारतीय उपग्रह या अंतरिक्ष विभाग अनुमोदित उपग्रह होना चाहिए और उसका गेटवे देश में होना चाहिए."
सुंदरराजन ने कहा, "हमें एक अलग श्रेणी का लाइसेंस बनाना है, जिसे इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी प्रदाता कहा जाता है. यह पानी के जहाजों के लिए भी लागू होगा. इसका एक रुपये टोकन लाइसेंस शुल्क होगा. यह धरती से 3,000 मीटर से ऊपर लागू होगा." उन्होंने यह भी कहा कि मामले को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में ले जाने की जरूरत नहीं है.
जानें कुछ खास तथ्य-
-एशिया, यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया समेत करीब 40 क्षेत्रों में उड़ान के दौरान मोबाइल सेवा इस्तेमाल करने यानी 'इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी' की इजाजत है
-उड़ान के दौरान फोन पर बात करने या इंटरनेट इस्तेमाल करने की ये मंजूरी सशर्त दी गई है
-फ्लाइट के कम्युनिकेशन सिस्टम में कोई बाधा न पड़े इसलिए 3000 फुट की ऊंचाई पर विमान के पहुंचने के बाद ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पाएंगे
-आप मोबाइल पर अपने नेटवर्क की सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करगें
-फ्लाइट के अंदर आपको एक अलग नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जो सैटेलाइट के जरिए होगा यानि एक सैटेलाइट फोन जैसे
-जिसका इस्तेमाल करते हुए आप मोबाइल कॉल कर सकेंगे और इंटरनेट इस्तेमाल कर सकेंगे
-इस सुविधा के लिए आपको अलग से पैसे भी चुकाने होंगे.
-इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए कंपनियों को अलग से लाइसेंस दिए जाएंगे
-ये सेवा 30 से भी अधिक एयरलाइन कंपनियां दे रही हैं, जिनमें एयरएशिया, एयर फ्रांस, ब्रिटिश एयरवेज, इजिप्ट एयर, एमीरेट्स, एयर न्यूजीलैंड, मलेशिया एयरलाइंस, कतर एयरवेज और वर्जिन अटलांटिक शामिल हैं.