नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम भुगतान करने पर कर अधिकारियों ने लगभग 65 करोड़ रुपये की मांग का नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में एलआईसी पर 6.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना और ब्याज भी शामिल है, जिससे कुल देय राशि में वृद्धि हो गई है.
एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसे 30 अक्टूबर को झारखंड राज्य के लिए यह मांग पत्र प्राप्त हुआ. कर अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि एलआईसी द्वारा जीएसटी में कथित कमी के कारण यह राशि बकाया हो गई. एलआईसी ने अपनी ओर से यह स्पष्ट किया है कि कर से संबंधित इस नोटिस का कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य कार्यों पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा. कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिरता को देखते हुए इन कर दावों को निपटाने की योजना बनाई है.
इस मामले में एलआईसी ने अभी तक आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि वह इस कर आदेश का पालन करेगी या कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेगी. हालांकि, कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि जीएसटी से जुड़े सभी नियमों का पालन करने के लिए वह प्रतिबद्ध है और समय-समय पर वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाए रखने का प्रयास करती है.
विश्लेषकों का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनी होने के नाते एलआईसी पर इस कर मांग का तात्कालिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस मामले का समाधान कैसे करती है. एलआईसी की ओर से आगे की रणनीति इस पर निर्भर करेगी कि कर अधिकारियों के इस नोटिस का उनके व्यापारिक कार्यों पर दीर्घकालिक असर कितना होता है.