बेलगावी (कर्नाटक), 30 नवंबर : महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को याचिका पर सुनवाई से पहले बेलगावी जिले के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. जिला रिजर्व और कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) के प्लाटून के साथ कागवाड़ा, निप्पनी और कागनोली की सीमा चौकियों पर तैनात चिक्कोडी, निप्पानी और कागावाड़ सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र के साथ सीमा साझा करने वाले बेलागवी जिले में 21 अतिरिक्त चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं. हालांकि सुबह से राज्यों के बीच बसें सामान्य रूप से चल रही हैं. एडीजीपी (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार ने चेतावनी दी है कि महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) या शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी अन्य समूह के कार्यकर्ताओं से सख्ती से निपटा जाएगा. यह भी पढ़ें : राष्ट्रसीमा विवादपति मुर्मू ने हरियाणा के स्वास्थ्य कर्मियों व महिला खिलाड़ियों से मुलाकात की
कन्नड़ और मराठी समर्थक संगठनों के राज्य में टकराव की स्थिति में आने के साथ, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा रेखा बढ़ गई है. कर्नाटक में एक राजनीतिक संगठन एमईएस ने महाराष्ट्र के मंत्रियों को बेलगावी शहर में आमंत्रित करने के लिए एक पत्र लिखा है. कन्नड़ संगठन कर्नाटक रक्षणा वेदिके ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महाराष्ट्र के मंत्रियों को कर्नाटक क्षेत्र में जाने दिया गया तो वे सबक सिखाएंगे.
विशेष रूप से, 2004 में, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के चार जिलों में बेलगावी शहर और 865 गांवों पर अपने अधिकारों का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, शाम दीवान, उदय होल्ला और मारुति जिराले कर रहे हैं. मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर विचार नहीं करेगा.