कोलंबो, 12 नवंबर: श्रीलंका क्रिकेट काउंसिल (एसएलसी) ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से यह सुनिश्चित करने का आश्वासन मांगा है कि देश के क्रिकेट संबंधी मामलों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा. द्वीप राष्ट्र में खेल की शासी निकाय एसएलसी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से संपर्क करने से पहले राष्ट्रपति से क्रिकेट की वैश्विक शासी निकाय से अपने ऊपर लगाए गए निलंबन को हटाने का अनुरोध करने का आश्वासन मांगा. यह भी पढ़ें: Diwali 2023: Rishabh Pant ने Ricky Ponting समेत दिल्ली कैपिटल्स के खिलाड़ियों के साथ मनाई दिवाली, देखें वायरल विडियो
एसएलसी के प्रमुख का अनुरोध शनिवार को आया, जिसके कुछ ही घंटों बाद खेल मंत्री ने निलंबन के खिलाफ आईसीसी में अपील करने की कसम खाई, जिसे उन्होंने अवैध बताया. शनिवार को एसएलसी के चेयरमैन शम्मी सिल्वा ने मीडिया को बताया कि वह 21 नवंबर को आईसीसी से मिलने की योजना बना रहे हैं, लेकिन उन्हें राजनीतिक मोर्चे से आश्वासन की जरूरत है.
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर आईसीसी का प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो कम से कम 50 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का खतरा है.
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि प्रतिबंध से जनवरी में अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप और अगले साल श्रीलंका में आईसीसी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की मेजबानी की संभावना प्रभावित होगी। सिल्वा ने कहा कि 2026 में भारत के साथ मिलकर टी20 वर्ल्ड कप की सह-मेजबानी करने की भी योजना पर काम चल रहा है.
एसएलसी अध्यक्ष ने कहा, "आईसीसी को एक निश्चित स्तर के आश्वासन की जरूरत है कि श्रीलंका सरकार इन प्रयासों का समर्थन करेगी." शम्मी सिल्वा ने कहा, "उनमें अब वह आत्मविश्वास नहीं है. एजीएम पहले ही रद्द कर दी गई है और मुझे नहीं पता कि अंडर 19 विश्व कप का क्या होगा."
अगर अंडर 19 टूर्नामेंट रद्द हो जाता है, तो श्रीलंका पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. एसएलसी अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंका को स्थानीय स्थलों को विकसित करने के लिए 2.4 मिलियन डॉलर के आईसीसी अनुदान से भी हाथ धोना पड़ेगा.
इस बीच, खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने शनिवार को कहा कि वह आईसीसी की विवाद समाधान समिति में अपील करेंगे, क्योंकि यह अवैध है और आरोपों का जवाब देने का मौका दिए बिना दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई की गई है. मंत्री रणसिंघे ने दोहराया कि यदि वह आईसीसी के डीआरसी से निवारण पाने में विफल रहते हैं, तो वह स्विट्जरलैंड में खेल पंचाट न्यायालय में जाएंगे.
खेल मंत्री और सरकार तथा विपक्ष दोनों के समर्थन से श्रीलंकाई सांसदों ने गुरुवार को द्वीप राष्ट्र के क्रिकेट बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि यह बेहद भ्रष्ट है और धन की हेराफेरी कर रहा है. क्रिकेट की संचालन संस्था के मामलों को चलाने के लिए मंत्री द्वारा अंतरिम समिति की नियुक्ति को निलंबित करने का अदालत से आदेश मिलने के एक दिन बाद 225 सदस्यीय संसद ने एक प्रस्ताव में क्रिकेट बोर्ड को हटा दिया.