आम जनता के रोजगार पर कोविड-19 संकट की भारी मार पड़ी है. कोरोना से उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने में भविष्य निधि कोष (पीएफ) बहुत मददगार साबित हुआ है. खासतौर पर वेतनभोगी कर्मचारियों को पीएफ ने आर्थिक तौर पर मजबूत बनाये रखा. कोरोना काल में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने मेंबर्स को पैसे निकालने की छूट दी हुई है. हालांकि आने वाले दिनों में बिना ई-नॉमिनेशन (e-Nomination) वाले पीएफ खाते से पैसे नहीं निकाले जा सकेंगे. यानी ई-नॉमिनेशन नहीं होने पर पैसा फंस सकता है. जॉब बदलने या छोड़ने के बाद PF खाते से नहीं निकाला पैसा न ही ट्रांसफर किया? होगा ये बड़ा नुकसान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईपीएफओ (EPFO) आने वाले समय में क्लेम सेटल से पहले ई-नॉमिनेशन अनिवार्य करने की योजना बना रहा है. ऐसा होने पर खाताधारक पीएफ की राशि तभी निकाल पाएंगे जब उनके ईपीएफ खाते का कोई नॉमिनी हो. ईपीएफओ ने यह कदम भविष्य में होने वाले नुकसान को ध्यान में रखकर उठाया है. दरअसल कई ईपीएफ खाताधारकों ने ई-नॉमिनेशन फाइल नहीं किया है. ऐसे में ऑनलाइन पेंशन क्लेम (Online Pension Claim) करने में उन्हें और उनके आश्रितों (Dependents) को मुश्किल समय में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा ई-नॉमिनेशन होने पर खाताधारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी ऑनलाइन ही क्लेम कर फंड ले सकता है.
किसे बना सकते हैं नॉमिनी?
ई-नॉमिनेशन की सुविधा पिछले साल ही शुरू की गई थी. ईपीएफ खाताधारक ई-नॉमिनेशन के जरिए परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है. खाताधारक का परिवार नहीं होने पर वह किसी अन्य को भी नॉमिनी बना सकता है, लेकिन ऐसा केवल तभी किया जा सकता है जब खाताधारक का कोई परिवार नहीं हो.
ऑनलाइन नॉमिनी (ई-नॉमिनेशन) कैसे बनाएं ?
ई-नॉमिनेशन करने के लिए खाताधारक को ईपीएफओ के 'मेंबर सर्विस पोर्टल' (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/) पर अपने अकाउंट से लॉग-इन करना होगा. लॉग-इन करने के बाद मैनेज पर जाना होगा और फिर ई-नॉमिनेशन विकल्प पर क्लिक करके मांगे गए विवरण को भरकर किसी को नॉमिनी बनाना होगा. एक पीएफ खाते के लिए एक से अधिक नॉमिनी बनाये जा सकते है. ई-नॉमिनेशन के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का आधार से लिंक होना आवश्यक है. साथ ही मेंबर सर्विस पोर्टल पर खाताधारक का फोटो भी होना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि कर्मचारियों के पीएफ खाते कई कारणों से बंद होते हैं. मसलन, नौकरियां छूट जाने से बेकारी का शिकार होना, सेवानिवृत्त होना और कभी-कभार नौकरियां बदलने पर भी लोग पीएफ अकाउंट बंद कर देते हैं. मालूम हो कि कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले साल केंद्र सरकार ने इपीएफ खाते से तीन महीने के वेतन की निकासी की अनुमति दी थी जिसपर सर्विस चार्ज भी नहीं वसूला जा रहा है.