Know How To Cast Your Vote Using EVM And VVPAT Machine: बिहार विधानसभा चुनाव में अधिक सीटें हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दल अपने पूरे दमखम के साथ जुटे हुए हैं. सूबे में दिग्गज नेताओं का धुआंधार प्रचार अभियान चल रहा है. बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को होगा जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी. पहले चरण में 28 नवंबर को 71 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा जबकि दूसरे चरण में तीन नवंबर को 94 सीटों के लिए और आखिरी चरण में सात नवंबर को 78 सीटों के लिए मतदान होगा. Bihar Assembly Elections 2020: बीजेपी ने जारी की लालू यादव राज की डिक्शनरी, क से क्राइम, ख से खतरा, ग से गोली, ज से जंगलराज
ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) क्या है?
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) मतों को दर्ज करने का एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो इकाइयों से बनी होती हैं - एक कंट्रोल यूनिट और एक बैलेटिंग यूनिट - जो पाँच-मीटर केबल से जुड़ी होती हैं. नियंत्रण इकाई पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखी जाती है और बैलेट यूनिट को मतदान कम्पार्टमेंट के अंदर रखा जाता है. मतपत्र जारी करने के बजाय, कंट्रोल यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी कंट्रोल यूनिट पर मतपत्र बटन दबाकर एक मतपत्र जारी करते है. इससे मतदाता अपनी पसंद के अभ्यर्थी और प्रतीक के सामने बैलेट यूनिट पर नीले बटन को दबाकर अपना वोट डाल सकेगा.
वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) क्या है?
VVPAT इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से जुड़ी एक स्वतंत्र प्रणाली है जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उनका मत उनके इच्छा के अनुरूप पड़ा है. जब कोई मत डाला जाता है, तो अभ्यर्थी के नाम, क्रम संख्या और प्रतीक वाली एक पर्ची मुद्रित होती है और 7 सेकंड के लिए एक पारदर्शी खिड़की के माध्यम से दिखाई देती है. उसके बाद, यह मुद्रित पर्ची स्वचालित रूप से कट जाती है और वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) के सीलबंद ड्रॉप बॉक्स में गिर जाती है.
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— Election Commission of India #SVEEP (@ECISVEEP) February 5, 2020
ईवीएम के द्वारा मतदान करना पारंपरिक प्रणाली की तुलना में कहीं अधिक सरल है. पहले मतदाता को मतपत्र पर अपनी पसंद के उम्मीदवार के प्रतीक पर या उसके निकट मतदान चिह्न लगाना होता है, उसे पहले लंबवत रूप से और फिर क्षैतिज रूप से मोड़ना होता है और तदुपरांत उसे मत पेटी में डालना होता है. जबकि ईवीएम में, मतदाता को अपनी पसंद के अभ्यर्थी और प्रतीक के सामने बैलट यूनिट पर सिर्फ नीला बटन दबाना होता है और मत दर्ज हो जाता है.
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जैसे ही मतदाता अपनी पसंद के अभ्यर्थी और प्रतीक के सामने `नीला बटन' दबाता है, उस अभ्यर्थी विशेष के प्रतीक के सामने की बत्ती लाल रंग में चमक उठती है और एक लंबी बीप ध्वनि सुनाई देती है. इस प्रकार, मतदाता को यह आश्वस्त करने के लिए श्रव्य और दृश्य दोनों संकेत मिलते हैं कि उसका मत सही तरह से दर्ज हो गया है. इसके अलावा, वीवीपीएटी पेपर स्लिप के रूप में मतदाता को एक अतिरिक्त दृश्य सत्यापन उपलब्ध कराता है ताकि वह इस बात के प्रति सुनिश्चित हो सके कि उसका मत उसकी पसंद के अभ्यर्थी के लिए सही ढंग से दर्ज हो गया है. इसके
इसके साथ ही अभ्यर्थी के लिए मत दर्ज होते ही मशीन लॉक हो जाती है. यहां तक कि अगर कोई उस बटन को दोबारा या किसी अन्य बटन को दबाता है, तो भी आगे कोई मत दर्ज नहीं किया जाएगा. इस तरह, ईवीएम "एक व्यक्ति, एक मत" के सिद्धांत को सुनिश्चित करती है. अगला मत केवल तभी संभव हो पाता है जब कंट्रोल यूनिट के पीठासीन अधिकारी/प्रभारी मतदान अधिकारी मतपत्र बटन को दबाकर मतपत्र जारी करते हैं.