सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी-GST) कानूनों में महत्वपूर्ण बदलावों की अधिसूचना जारी की है, जिससे कारोबारियों को पुराने कर मांगों पर ब्याज और दंड माफ करने का मौका मिलेगा. यह राहत 1 नवंबर से लागू होगी और इसके तहत जीएसटी अधिकारी करदाताओं को इन माफियों की पेशकश कर सकते हैं, जिससे कर अनुपालन का बोझ कम होगा.
यह प्रावधान विशेष रूप से उन मामलों को लक्षित करता है जहां जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत कर मांगें उठाई गई थीं, जो गैर-धोखाधड़ी कर विसंगतियों से संबंधित हैं. जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक के फैसले के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य उन विवादों को सुलझाना है, जहां कर मांगें कानून की गलत व्याख्या या समझ से उत्पन्न हुई थीं, न कि जानबूझकर की गई चोरी से.
कौन करेगा छूट का लाभ उठाना?
यह छूट उन करदाताओं पर लागू होती है, जिन्हें 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के वित्तीय वर्षों के लिए धारा 73 के तहत आंका गया था. यह छूट केवल उन्हीं करदाताओं के लिए है जिनके कर संबंधी विवाद धोखाधड़ी, गलत प्रतिनिधित्व या तथ्यों के दमन के बिना उत्पन्न हुए थे. जो करदाता गैर-धोखाधड़ी कारणों से विवादों में उलझे हुए हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं यदि वे कर मांग को निपटाने और चल रहे मुकदमे को रोकने के लिए सहमत होते हैं.
छूट कैसे काम करेगी?
इस छूट का लाभ उठाने के लिए कारोबारियों को कर मांग को स्वीकार करना होगा और बकाया राशि का भुगतान 31 मार्च, 2025 तक करना होगा. एक बार कर भुगतान हो जाने पर, उस मामले से जुड़े ब्याज और दंड माफ कर दिए जाएंगे और विवाद बंद हो जाएगा. हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह छूट धोखाधड़ी, गलत तरीके से स्वीकृत रिफंड, या उन करदाताओं पर लागू नहीं होगी जिन्होंने पहले ही दंड और ब्याज का भुगतान कर दिया है.
जिन करदाताओं ने पहले ही ब्याज और दंड का भुगतान किया है, वे इस योजना के तहत रिफंड के पात्र नहीं होंगे.
अनुपालन बोझ कम करना
इस छूट के अलावा, जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों को एक निर्दिष्ट अवधि के दौरान छूटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को सुधारने और दावा करने की अनुमति देने का प्रावधान भी पेश किया है, जो 27 सितंबर से प्रभावी हुआ. इस उपाय का उद्देश्य पिछले आईटीसी दावों पर विवादों को रोकना और दंड के जोखिम को कम करना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल की बैठक के बाद कहा- "हमारा उद्देश्य जीएसटी अनुपालन को और अधिक सरल और कम बोझिल बनाना है,"