7th CPC Latest News: सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के अनुसार वेतन पाने वाले केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. खबर है कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) के बकाया (Arrears) के भुगतान पर विचार नहीं कर रही है. यानी सरकार कोविड-19 के कारण डीए (Dearness Allowance) फ्रीज होने के बाद की वृद्धि के बकाया का भुगतान नहीं करेगी. नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम (स्टाफ साइड) ने हाल ही में सरकार द्वारा एरियर भुगतान की मांग की थी. 7th Pay Commission: मोदी सरकार के वो 3 बड़े फैसले, जो बदलकर रख देगी केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति
केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 में डीए में 4 फीसदी, जून 2020 में 3 फीसदी और इस साल जनवरी में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. हालाँकि, सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद इन वेतन वृद्धि को रोक दिया था. इसलिए, जनवरी 2020 से जून 2021 तक डीए की दर 17 प्रतिशत पर बनी हुई थी. हालात सुधरने के बाद सरकार ने 1 जुलाई से डीए बढ़ोतरी पर रोक हटाई और इसे बहाल कर दिया. जिसके बाद अब केंद्रीय कर्मचारियों को 7वीं सीपीसी के तहत डीए के रूप में उनके मूल वेतन का 28 प्रतिशत मिलता है.
डीए बहाली के बाद जेसीएम सचिव शिव गोपाल मिश्रा (Shiv Gopal Mishra) ने कहा कि सरकार को बकाया भुगतान करना चाहिए. केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से केंद्र के साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर बातचीत करने वाले मिश्रा ने कहा कि सरकार डीए और डीआर (महंगाई राहत) को रोक नहीं सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निमराला सीतारमण (Nimrala Sitharaman) ने कहा कि डीए में वृद्धि को कोरोनो वायरस संकट के दौरान सरकार के वित्तीय संसाधनों पर बोझ कम करने के लिए रोक दिया गया था. सीतारमण ने बल देते हुए कहा कि इस साल अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई. हालांकि, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन कटौती का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि डीए में वृद्धि रोक दी गई थी, लेकिन अब बहाल हो चुकी है. जब सरकार ने 1 जुलाई से डीए को बढ़ाकर 28 फीसदी करने की घोषणा की थी तो यह स्पष्ट कर दिया था कि एरियर का भुगतान नहीं किया जाएगा.
सरकार ने पिछले महीने कहा था कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 की अवधि के लिए डीए की दर 17 प्रतिशत ही रहेगी. हालांकि शिव गोपाल मिश्रा ने हाल ही में बकाया राशि पर सरकार के इस फैसले को अतार्किक बताया था.