7th Pay Commission: अब इस सरकारी महकमे में उठी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने की डिमांड, इन भत्तों को भी मांगा
रुपया (Photo Credits: Twitter)

7th Pay Commission Latest News: सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) यानी पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग कई राज्यों के बाद अब भारतीय रेलवे में भी जोर पकड़ रही है. इस संबंध में देशभर के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टर 31 मई को एक साथ हड़ताल पर जा सकते हैं. इसकी वजह से देशभर की रेलसेवा प्रभावित हो सकती है और रेल के पहिए थम सकते हैं. नतीजतन लाखों रेल यात्रियों की मुसबत बढ़ सकती है. 7th CPC: इन सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम की सौगात देने की उठी मांग, दिया गया यह तर्क

प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेलवे की उदासीनता की वजह से देशभर के करीब 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने अपनी ओर से रेलवे बोर्ड को एक नोटिस भेजा है. इसमें स्टेशन मास्टरों ने आगामी 31 मई को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. ये स्टेशन मास्टर चाहते हैं कि उनके संवर्ग में खाली पदों को जल्द भरा जाएं और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए.

स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड के सीईओ को जो मांगें भेज है. उसके अनुसार, रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाए. सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल किया जाए. स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16 फरवरी 2018 के बजाय 1 जनवरी 2016 से प्रदान किया जाय. संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन हो. ट्रेनों के सुरक्षित और समय पर चलने में उनके योगदान के लिए स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता दिया जाए. रेलवे का निजीकरण एवं निगमीकरण रोका जाए. साथ ही न्यू पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए.

स्टेशन मास्टर्स के यूनियन का आरोप है कि वर्तमान में स्टेशन मास्टरों को रोज आठ घंटे की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे के अनुसार वर्तमान में पूरे देश में इस समय 6 हजार से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है और रेल प्रशासन इस पद पर कोई भर्ती नहीं कर रहा है. इस वजह से इस समय देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर महज दो स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं. स्टेशन मास्टरों की शिफ्ट आठ घंटे की होने के बाबजूद सभी स्टाफ की कमी की वजह से हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं. फिलहाल इस संबंध में केंद्र सरकार ने कुछ बड़ा ऐलान नहीं किया है.