मुंबई: इंडिगो एयरलाइंस में काम करने वाले एक पायलट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फ्लाइट में कृपाण ले जाने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है. कृपाण एक घुमावदार खंजर है जिसे खालसा सिख अपनी धार्मिक वर्दी के हिस्से के रूप में रखते हैं. कृपाण सिख खालसा के पांच विशिष्ट ककारों (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) में से एक है. सिख धर्म से संबंधित यात्रियों को हवाई यात्रा के दौरान कृपाण ले जाने की अनुमति पहले से ही है. Surrogacy for Unmarried Women: सिंगल और अविवाहित महिलाओं को मिलेगी सरोगेसी की अनुमति? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब.
इंडिगो एयरलाइंस का संचालन करने वाली कंपनी इंटर ग्लोब एविएशन के साथ काम करने वाले याचिकाकर्ता अंगद सिंह ने दावा किया कि विमानन उद्योग में काम करने वाले सिख व्यक्तियों को भी कृपाण ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा संरक्षित है जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की गाइडलाइंस में कहा गया है कि हवाई अड्डों या एयरलाइंस में काम करने वाले कर्मचारियों (सिख धर्म से संबंधित लोगों सहित) को कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं है. अपनी याचिका में अंगद सिंह ने दावा किया है कि यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और उन्हें कृपाण ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.
पायलट ने अपनी याचिका में कहा, यात्रियों को विमान में कृपाण ले जाने की अनुमति देना, लेकिन एयरलाइन कर्मचारियों को यही अधिकार न देना तर्क के विपरीत है. जस्टिस नितिन साम्ब्रे और जस्टिस अभय मंत्री की खंडपीठ ने अंगद सिंह की याचिका का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार और इंडिगो एयरलाइन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. पीठ ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 29 जनवरी, 2024 को तय की है.