इंडियन नेवी का बड़ा फैसला, नौसैनिको के युद्धपोत पर Facebook और स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर लगाया बैन
भारतीय नौसना की फाइल फोटो ( क्रेडिट- wikimedia commons)

नई दिल्ली:- भारतीय सेना की बढ़ती ताकत के आगे दुश्मन मुल्क खौफजदा है. उन्हें सेना की बढ़ती सामरिक ताकत डर सताता है. यही कारण है कि हनी ट्रैप और लालच का सहारा लेकर सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी लिक करवाने की कोशिश करते हैं. लगातार बढ़ती ऐसी घटनाओं के बाद अब इंडियन नेवी (Indian Navy) ने सुरक्षा को मद्दे नजर रखते हुए सोशल मीडिया साइट फेसबुक (Facebook) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही नेवी के जवान डॉकयार्ड और ऑन-बोर्ड युद्धपोतों पर स्मार्टफोन ले जाने पर बैन लगाया है. दरअसल सात नौसैनिकों को सोशल मीडिया पर दुश्मन को खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील सूचनाएं भेजते हुए पकड़ा गया था. जिसके बाद इंडियन नेवी ने स्मार्टफोन पर बैन लगाने का फैसला लिया.

बता दें कि आंध्र प्रदेश पुलिस की विज्ञप्ति में महज इतना कहा गया है कि उसकी खुफिया शाखा ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और नौसेना के खुफिया विभाग के साथ मिलकर ऑपरेशन डॉल्फिन्स नोज चलाया और इस जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया. गौरतलब हो कि 20 दिसंबर को खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान से संबंध रखने वाले एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया था. एजेंसी ने एक हवाला ऑपरेटर सहित नौसेना के सात कर्मियों को गिरफ्तार किया था. उन्होंने कहा कि ये गिरफ्तारियां देश के कई हिस्सों से की गई हैं. कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. यह भी पढ़ें:- Sarkari Naukri: इंडियन नेवी में 400 नाविक पदों के लिए वेकेंसी, 10वीं पास युवा अभी करें अप्लाई- 69 हजार तक मिलेगी सैलरी.

आंध्र प्रदेश स्टेट इंटेलिजेंस विभाग ने केंद्रीय इंटेलिजेंस विभाग और नेवी इंटेलिजेंस की मदद से ऑपरेशन 'डॉल्फिन्स नोज' चलाकर एक साथ संयुक्त रूप से इस रैकेट का पर्दाफाश किया था. बता दें कि जानकारी के अनुसार, आरोपियों को विजयवाड़ा में एनआईए की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पूर्वी नौसेना कमान का मुख्यालय विशाखापट्टनम में है.