
Salal Dam Three Gates Opened: भारत ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में बने सलाल डैम और रामबन के बगलिहार डैम के गेट खोलकर भारत ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, बीते कुछ दिनों से भारी बारिश के कारण इन डैमों में पानी का स्तर काफी बढ़ गया था. ऐसे में गुरुवार को तीन गेट सलाल डैम के और दो गेट बगलिहार डैम के खोल दिए गए. ये वही डैम हैं जिनके गेट पिछले हफ्ते बंद कर दिए गए थे ताकि पाकिस्तान को जाने वाला पानी रोका जा सके. यह कदम भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया था, जब इंडस वॉटर ट्रीटी (IWT) को सस्पेंड कर दिया गया था.
इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान की तरफ बहने वाली चेनाब नदी लगभग सूख गई थी. पानी की ऊंचाई जहां पहले 25-30 फीट हुआ करती थी, वहां अब मुश्किल से 2 फीट पानी बचा था.
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चिनाब नदी पर बने सलाल डैम के तीन गेट खोले गए
#WATCH रियासी, जम्मू-कश्मीर: वीडियो चिनाब नदी पर बने सलाल बांध से है। बांध का 3 गेट खुला हुआ दिखाई दे रहा है।
(वीडियो सुबह 7.30 बजे शूट किया गया है) pic.twitter.com/2eRQhKwLkv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2025
पाकिस्तान की हालत खराब
स्थिति इतनी खराब थी कि जम्मू के अखनूर इलाके में लोग चेनाब नदी को पैदल पार कर रहे थे. अब जब बारिश के कारण डैम में पानी बढ़ गया, तो भारत ने तय किया कि पाकिस्तान की ओर कुछ पानी छोड़ा जाए. लेकिन यह कदम सिर्फ बारिश की वजह से नहीं है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब पानी को भी रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है. सलाल, बगलिहार और किशनगंगा डैम भारत को यह ताकत देते हैं कि वह पाकिस्तान को कब, कितना और कैसे पानी दे, यह तय कर सके.
बता दें, इंडस वॉटर ट्रीटी के तहत भारत को सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का पूरा हक है, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चेनाब जैसी पश्चिमी नदियों का अधिकार मिला था. लेकिन अब जब भारत ने संधि को ही सस्पेंड कर दिया है, तो पाकिस्तान की हालत खराब हो गई है.
पानी बना रणनीतिक हथियार
पानी का ये खेल अब सिर्फ पर्यावरण या खेती तक सीमित नहीं है, ये अब एक रणनीतिक हथियार बन चुका है. पाकिस्तान की सेना और सरकार के लिए यह एक नई चुनौती है कि कैसे इस पानी की राजनीति का सामना किया जाए.
भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंक का जवाब अब हर मोर्चे पर दिया जाएगा, चाहे वो सीमा हो, आकाश हो या फिर नदी. सलाल और बगलिहार डैम के गेट खोलना सिर्फ एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं, यह एक कड़ा संदेश है कि भारत अब हर तरीके से अपना हित सुरक्षित रखेगा.