India Invest in Nepal: नेपाल में 4000 करोड़ का निवेश करेगा भारत, 5 साल में बनेगा रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग

नेपाल में भारत के 4,000 करोड़ रुपए के अनुमानित खर्च से 5 साल में रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग बनकर तैयार होगा. आने वाले समय में यह रेलमार्ग भारत के सीमावर्ती शहर रक्सौल को नेपाल की राजधानी काठमांडू से जोड़ने का कार्य करेगा.

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार

कोंकण रेलवे की तरफ से तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में इस रेल लाइन के निर्माण में 4000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. वहीं भारत सरकार पहले ही इस रेल परियोजना के निर्माण में सम्पूर्ण आर्थिक अनुदान देने पर अपनी सहमति जता चुकी है. एक्शन में मोदी सरकार! 3 महीने में गड्ढा मुक्त हो जाएंगी सभी नेशनल हाइवे, नितिन गडकरी ने किया वादा

रक्सौल से काठमांडू तक कुल 170.96 किमी की दूरी

रक्सौल-काठमांडू रेलमार्ग पर रक्सौल-वीरगंज-बेल्हवा-मनहर्वा-सपही बाजार-निजगढ-मकवानपुर-दियाल-शिखरपुर-सिस्नेरी-सतिखेल और चोभार स्टेशन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. डीपीआर में बताया गया है कि रक्सौल से काठमांडू तक कुल 170.96 किमी की दूरी है.

रक्सौल से शिखरपुर तक सिंगल लाइन और शिखरपुर से चोभार काठमांडू तक होगी डबल लाइन

इसमें रक्सौल से शिखरपुर तक सिंगल लाइन और शिखरपुर से चोभार काठमांडू तक डबल लाइन बनाई जाएगी. डीपीआर में सिंगल लाइन 90.065 किलोमीटर और डबल लाइन 46.725 किलोमीटर बताई गई है. शिखरपुर से काठमांडू तक की डबल लाइन के रास्ते में अधिकांश सुरंग मार्ग और ऊंचे-ऊंचे पुल का निर्माण प्रस्तावित है.

31 स्थानों पर होगा सुरंग का निर्माण

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे रेल मार्ग पर 31 स्थानों पर सुरंग का निर्माण करना होगा, जिसकी कुल लम्बाई 40.865 किमी. होगी. इस रिपोर्ट में रक्सौल से काठमांडू के बीच 18 बड़े पुल, 101 मध्य स्तर के पुल और 122 छोटे पुल का निर्माण करने का भी उल्लेख है.

पूरे रेलमार्ग में दो ओवरहेड और 17 अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव

पूरे रेलमार्ग में दो ओवरहेड और 17 अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव है. पूरा रेलमार्ग विद्युतीय होगा, जिस पर पैसेंजर ट्रेन 120 किमी. की गति से चल सकती है. मालवाहक ट्रेन की अधिकतम गति सीमा 80 किमी रखी गई है.