विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की चीन की कोशिशों को एक बार फिर दृढ़ता से खारिज करते हुए कहा कि ‘‘मनगढ़ंत नाम’’ रखने से यह वास्तविकता बदल नहीं जाएगी कि यह राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा ‘‘है, रहा है और हमेशा रहेगा.’’ विदेश मंत्री ने कहा, 'ऐसा बार-बार करना संवेदनहीन है, इसलिए मैं बहुत स्पष्ट होना चाहता हूं, अरुणाचल प्रदेश भारत का था, भारत का है और हमेशा रहेगा और मुझे आशा है कि मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि न केवल देश में बल्कि देश के बाहर भी लोगों को यह संदेश बहुत स्पष्ट रूप से मिलता है."
अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करने की चीन की हालिया कोशिशों के बीच बीजिंग ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की है. भारत ने चीन की इस गुस्ताखी का कड़ा जवाब दिया है. Read Also: चीन की गुस्ताखी पर भारत का जवाब, अरुणाचल भारत का है, नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा.
अरुणाचल भारत का है और हमेशा रहेगा
#WATCH | Ahmedabad: On being asked about China's attempt to rename places in Arunachal Pradesh, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, "We rightly called it 'senseless'. Doing it repeatedly is still senseless, so I want to be very clear, Arunachal Pradesh was, is, and… pic.twitter.com/TrRwZdyeiO
— ANI (@ANI) April 2, 2024
इस संबंध में मीडिया द्वारा किए गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से एक बयान जारी कर कहा गया, ‘‘चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के अपने मूर्खतापूर्ण प्रयासों को जारी रखे हुए है. हम ऐसे प्रयासों को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं. मनगढ़ंत नाम रख देने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, रहा है और हमेशा रहेगा.’’
भारत ने 28 मार्च को भी कहा था कि चीन अपने ‘‘निराधार दावों’’ को चाहे जितना भी दोहरा ले लेकिन इससे भारत का यह रुख नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा ‘‘था, है और हमेशा रहेगा.’’