नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग (Pakistan High Commission) में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक कम करने का निर्णय लिया है. ठीक इसी अनुपात में पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक घटाई जाएगी. साथ ही समान रूप से इस्लामाबाद में भी भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की उपस्थिति को उसी अनुपात में घटाया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस संबंध में आज भारत में पाकिस्तान के राजनयिक को तलब किया गया. इस देश में पाक उच्चायोग के अधिकारियों की गतिविधियों के बारे में अवगत कराया गया और चिंता व्यक्त की गई. पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों का जासूसी और आतंकी संगठन से लिंक मिला है. इसका ताजा उदाहरण पिछले महीने मिला, जब दो पाकिस्तानी अधिकारियों का रंगे हाथों पकड़ा गया और 31 मई को निष्कासित कर दिया गया. पाकिस्तान में फंसे 748 भारतीयों की गुरुवार से होगी स्वदेश वापसी, खोला जाएगा वाघा बॉर्डर
Govt of India has taken the decision to reduce staff strength in the Pakistan High Commission in New Delhi by 50%. It would reciprocally reduce its own presence in Islamabad to the same proportion: Ministry of External Affairs (MEA) pic.twitter.com/DymjMrT8MW
— ANI (@ANI) June 23, 2020
उधर, पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को परेशान करने का मामला बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के पांच कर्मचारी सोमवार को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते वापस देश में लौट आए. इनमें वे दो अधिकारी भी शामिल थे जिन्हें पिछले दिनों पाकिस्तान की पुलिस की कथित ‘हिट एंड रन’ का आरोपी बताकर गिरफ्तार किया. हालांकि बाद में दोनों को रिहा कर दिया गया.
अधिकारियों ने बताया कि वापस लौटे अधिकारियों में वायु सलाहकार ग्रुप कैप्टन मनु मिधा, द्वितीय सचिव एस शिव कुमार और स्टाफ सदस्य पंकज, सेल्वादास पॉल तथा द्विमु ब्रह्मा शामिल हैं. स्टाफ सदस्य पॉल और ब्रह्मा को पाकिस्तान में 15 जून को कथित ‘हिट एंड रन’ मामले में गिरफ्तार किया गया था. उस घटना के बाद भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय मिशन के दो अधिकारियों के "अपहरण और प्रताड़ना" पर विरोध दर्ज कराते हुए पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था.