India China Border Tension: दोनों पक्षों में पीछे हटने को लेकर बनी सहमति, मोल्‍डो में हुई कमांडर स्तर की वार्ता पर सेना की ओर से दी गई जानकारी
भारत-चीन -प्रतीकात्मक तस्वीर | (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: भारत और चीन में जारी सीमा तनाव (India-China Border Tension) के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सोमवार दोनों पक्षों के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हुई. इस बैठक को लेकर अब सेना का बयान सामने आया है. एलएसी के दूसरी ओर चीन के हिस्से में मोल्डो में दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच करीब 10 घंटे चली इस बैठक के नतीजे सकारात्मक रहे. सेना ने अपने बयान में कहा कि बातचीत काफी सौहार्दपूर्ण, सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई. बैठक में भारत की ओर से साफ-साफ शब्दों में कह दिया गया है कि चीन अपनी सीमा पर वापस लौटे.

इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच पीछे हटने को लेकर सहमति बनी. सेना ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी क्षेत्रों से पीछे हटने के तौर तरीकों पर चर्चा की गई और दोनों पक्षों द्वारा इस पर अमल किया जाएगा. बता दें कि दोनों देशों के बीच मई के पहले सप्ताह से तनाव जारी है. जिसके कारण आखिरकार 15-16 जून को गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच घातक संघर्ष हुआ. यह भी पढ़ें- भारत-चीन तनाव: गलवान संघर्ष के बाद से लद्दाख में हवाई गतिविधियां तेज, लेह के आसमान में चक्कर काटते दिखे वायुसेना के लड़ाकू विमान- देखें Video. 

लद्दाख में भारत-चीन की सेनाएं पीछे हटेंगी-

मोल्दो में हुई बैठक में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व XIV कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया. चीन की तरफ से शिनजियांग सैन्य परिषद के कमांडर ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. यह दूसरी बार था जब दो सैन्य कमांडर 6 जून के बाद से मिले थे. दोनों देशों के बीच तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुए घातक संघर्ष के बाद बढ़ा. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए.

सेना ने अपने एक बयान में बतया था, लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के अलावा 76 भारतीय जवान घायल भी हुए थे. सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि कोई भी भारतीय सैनिक चीनी सेना की हिरासत में नहीं है. सेना ने यह भी बताया कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई घंटे तक चले इस संघर्ष में चीन के 43 से अधिक सैनिक हताहत हुए हैं.