LAC पर तनाव बरकरार, चीन ने गलवान घाटी में 5G नेटवर्क लगाने की खबर को बताया गलत
एलएसी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ तनाव के बीच चीन (China) ने भारतीय सीमा पर 5जी नेटवर्क (5G Network) स्थापित करने से इनकार कर दिया है. पिछले महीने, कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि चीन गुप्त रूप से लद्दाख (Ladakh) में एलएससी (Line of Actual Control) के करीब 5जी नेटवर्क तैयार कर रहा था. चीन ने रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा की उसके जवान ऑप्टिक-फाइबर केबल (Optic-Fibre Cables) बिछा रहे हैं.

स्पुतनिक न्यूज (Sputnik News) के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Wang Wenbin) ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय सीमा पर 5जी नेटवर्क स्थापित करने की खबरों का खंडन किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अगस्त के अंत में एक रिपोर्ट में कहा था कि चीनी आर्मी ने बैरन और अन्य संरचनाओं को बनाया है. जबकि तनाव वाले स्थान गलवान घाटी (Galvan Valley) में ऑप्टिकल फाइबर के साथ संचार नेटवर्क की भी स्थापित करने की जानकारी दी गई थी. हालांकि चीन ने अब इससे इनकार कर दिया है. कांग्रेस की मोदी सरकार से मांग, साइबर क्षेत्र में चीन से निपटने के लिए प्रयास करे तेज

हाल ही में अंग्रेजी समाचार पत्र की खबर में दावा किया गया है कि चीन भारत में बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे राजनेताओं और सामरिक पदों पर बैठे अधिकारियों की जासूसी कर रहा है. इसमें कहा गया है कि चीन की एक कंपनी शेनझेन इंफोटेक और झेन्हुआ इंफोटेक ये जासूसी कर रही हैं. चीन अपने नापाक मंसूबों को अंजाम तक पहुँचाने के प्रधानमंत्री मोदी समेत हजारों भारतीय वीवीआईपी की जासूसी करवा रहा है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी कंपनी कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनका परिवार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अशोक गहलोत और अमरिंदर सिंह, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और शिवराज सिंह चौहान के अलावा केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल की जासूसी कर रही है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), दिग्गज बिज़नेस मैन रतन टाटा और गौतम अडानी से लेकर राधे मां (Radhe Maa) तक का नाम शामिल है. इसके अलावा देश की डिफेंस से जुड़े सीडीएस जनरल बिपिन रावत, सेना, नौसेना और वायु सेना के कम से कम 15 पूर्व प्रमुखों पर भी नजर रखी जा रही है. माना जा रहा है कि चीन ने भारत के खिलाफ ‘हाइब्रिड युद्ध’ छेड़ा है.