रांची, 15 अगस्त : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान में तिरंगा फहराया. उन्होंने राजकीय कार्यक्रम में सशस्त्र बलों के परेड की सलामी ली और उत्कृष्ट सेवा के लिए सरकारी पदाधिकारियों-कर्मियों और अदम्य साहस, बहादुरी एवं वीरता के लिए पुलिस पदाधिकारियों-जवानों को पदक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया.
इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आजादी हमें हमारे पूर्वजों ने अनगिनत संघर्ष, त्याग और बलिदान से मिली है. उन्होंने हमारे लिए समृद्ध और समतामूलक राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त किया. पूर्वजों ने हमारे देश में आर्थिक विषमता को मिटाने और सामाजिक भेदभाव खत्म करने का लक्ष्य तय किया था. आज हमें खुद के भीतर झांककर विचार करने की जरूरत है कि हम इन लक्ष्यों को पूरा करने में कितना सफल हुए हैं. यह भी पढ़ें : Independence Day 2024: इस बार सीएम आवास पर ध्वजारोहण ना होने पर छलका सुनीता केजरीवाल का दर्द
मुख्यमंत्री ने झारखंड के नवनिर्माण का संकल्प व्यक्त करते हुए सभी वर्ग के लोगों से सहयोग और भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा कि हमने 2019 में सरकार बनाते हुए यह संकल्प लिया था कि लोगों के भरोसे पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे. हमने साढ़े चार वर्षों में गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं. हर वर्ग के लिए योजनाएं बनाई और उन्हें धरातल पर उतारा. हमने आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाया कि झारखंड के विकास में उनकी भी बराबर की भागीदारी है.
सोरेन ने कहा कि विकास विरोधी तत्वों ने हमारे रास्ते में बाधाएं खड़े करने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके. हमने यह दिखाया है कि इरादों में मजबूती, दिल में विश्वास और नीयत में ईमानदारी हो तो कोई भी ताकत हमें झुका नहीं सकती. हम जनता से किए गए हर वादे को संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं. आज झारखंड की फिजाएं बदल गई हैं. दलित, आदिवासी, पिछड़े खुद को असहाय महसूस नहीं करते. हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरण दिख रही है.
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हम अबुआ आवास योजना के माध्यम के गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान दे रहे हैं. 35 लाख जरूरतमंदों को पेंशन योजना से जोड़ा गया है. 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन दिया जा रहा है और 57 लाख से अधिक लोगों को वर्ष में दो बार वस्त्र दिए जा रहे हैं. ऋण के बोझ से दबे किसानों को राहत देने के लिए हमारी सरकार ने दो लाख तक का कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. इसके लिए हमने झारखंड मुख्यमंत्री मंइया सम्मान योजना शुरू की है. 21 से 50 वर्ष तक की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए की सहायता राशि शीघ्र बैंक खातों में भेजी जाएगी. झारखंड की 48 लाख महिलाओं को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा. सीएम ने सरकार में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों और राज्य में औद्योगिक विकास के लिए निवेश की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया.