वैश्विक अल्पसंख्यकों पर सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस (CPA) के शुरुआती मूल्यांकन के अनुसार, भारत में धार्मिक आजादी दुनिया में सबसे ज्यादा है. जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार के लिए भारत को 110 देशों में टॉप पर जगह मिली है. सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस (CPA) के अनुसार भारत इस श्रेणी में टॉप पर पहुंच गया है. 110 देशों में भारत में सबसे ज्यादा धार्मिक अल्पसंख्यकों को सभी अधिकार सामान रूप से दिए जाते है. भारत के बाद इस लिस्ट में दक्षिण कोरिया, जापान, पनामा और अमेरिका का स्थान आता है.वही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मालदीव, अफगानिस्तान और सोमालिया जैसे देश इस सूची में सबसे नीचे हैं, वही यूके और यूएई क्रमशः 54वें और 61वें स्थान पर हैं. यह भी पढ़ें: भारतीय नागरिक विदेश में भी PhonePe के जरिए कर सकेंगे UPI से ऑनलाइन पेमेंट, कंपनी जल्द शुरू करेगी इंटरनेशनल सेवा
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के संविधान में संस्कृति और शिक्षा में धार्मिक अल्पसंख्यकों की उन्नति के लिए विशिष्ट और घोषित प्रावधान हैं. दूसरी ओर, किसी अन्य देश के संविधान में भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रचार के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है.
मीडिया सूत्रों की रिपोर्ट है कि संयुक्त राष्ट्र भारत की अल्पसंख्यक नीति को अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में उपयोग कर सकता है. कई धर्मों और उनके समुदायों के खिलाफ भेदभाव की कमी के कारण इस मॉडल को शामिल किया जा सकता है. लेकिन CPA की रिपोर्ट के अनुसार, यह मॉडल हमेशा अपेक्षित परिणाम नहीं देता है. इसके पीछे बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विभिन्न चिंताएं हैं. इसके अलावा, संघर्षों की भी कई रिपोर्टें हैं, खासकर मुस्लिम समुदाय के भीतर
ट्वीट देखें:
India Ranks Number One Among 110 Nations for Inclusivity Measures Towards Religious Minorities: CPA Report #Religious #Minorities https://t.co/vlYMG3W0tB
— LatestLY (@latestly) February 7, 2023