शिमला: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में हिमस्खलन की चपेट में आने से पिछले सप्ताह लापता हुए पांच जवानों की तलाश के लिए सोमवार को खोज अभियान फिर से शुरू हो गया है. मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "राहत अभियान सुबह सात बजे शुरू हुआ था. अभियान को आगे बढ़ाने के लिए ड्रिल मशीन जैसे इंजीनियरिंग उपाय अपनाए जा रहे हैं." रविवार को पूरे दिन रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के कारण खोज अभियान बंद कर दिया गया था और तब तक कोई सुराग नहीं मिला था. तलाशी अभियान का सोमवार को छठा दिन है.
अधिकारियों का कहना है कि बर्फ में फंसे लोगों के जीवित होने की संभावना कम है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य की राजधानी से 350 किलोमीटर दूर जहां हिमस्खलन हुआ, वहां बहुत सारी बर्फ जमा हो गई है. उन्होंने कहा कि बर्फ कठोर चट्टानों में तब्दील हो गई है जहां खुदाई करना मुश्किल हो गया है. क्षेत्र के कई पर्वतारोही भी इस अभियान में शामिल हैं.
हिमस्खलन 20 फरवरी को उस समय हुआ जब तिब्बत सीमा से सटे नामिया डोगरी के पास का ग्लेशियर खिसक गया जिसमें नियमित गश्त पर निकले जम्मू और कश्मीर राइफल्स के 16 सैनिकों में से छह बर्फ में दब गए. इस घटना के बाद एक सैनिक का शव बरामद हो गया था.
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राज्य सरकार ने कहा कि जिस समय हिमस्खलन हुआ तब सेना और भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) के दो अलग-अलग दल नामिया डोगरी में गश्त कर रही थे. इस आपदा में आईटीबीपी के पांच जवान घायल भी हो गए.
सेना के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, "बर्फीले तूफान, तेज रफ्तार की हवाएं, ताजा बर्फबारी और खराब ²श्यता के कारण बचाव कार्यों में बाधा आ रही हैं." भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 26-27 फरवरी को और उसके बाद एक-दो मार्च को इस क्षेत्र में और बर्फबारी की संभावना जताई है.