नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को कहा कि उसने अवैध कोयला खनन (Illegal Coal Mining) के संबंध में वेस्ट एंड पिगमेंट एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (Waste End Pigments and Chemicals Pvt Ltd) और मेसर्स देशप्रान प्रॉपर्टीज लिमिटेड (M/s Deshapran Properties Ltd) के संयुक्त स्वामित्व वाली 6 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. संपत्ति को अवैध कोयला खदान मामले के संबंध में कुर्क किया गया है, जो कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा (Vinay Mishra) से जुड़ी हुई है. मनी लॉन्ड्रिंग मामला: ED ने सीएम गहलोत के भाई को भेजा समन, बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि उसने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोलकाता में दोनों कंपनियों के संयुक्त स्वामित्व वाले 6 करोड़ रुपये के एक भूखंड (प्लॉट) को कुर्क किया है. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि इस संपत्ति की खरीद के लिए 6 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि एलटीबी इंफ्राकंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के खाते से ट्रांसफर की गई थी.
अधिकारी ने कहा, आगे की जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त फंड का स्रोत अपराध की आय से था, जिसे एलटीबी इन्फ्राकंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खातों में नकद में जमा किया गया था, जिसके मालिक विनय मिश्रा और विकास मिश्रा हैं.
इससे पहले, वित्तीय जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता में 46 अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली थी.
अधिकारी ने कहा कि ईडी द्वारा अब तक की गई जांच के परिणाम के आधार पर, अपराध की कुल 1,352 करोड़ रुपये की आय का पता चला है, जिसमें से एजेंसी ने पहले 165.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था.
उन्होंने कहा, इस कुर्की के साथ इस मामले में कुल कुर्की 171.86 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है. ईडी ने मामले के सिलसिले में विकास मिश्रा और अशोक मिश्रा को गिरफ्तार किया है और स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की गई है.