राज्य के सोलन जिले के प्रसिद्ध टिम्बर ट्रेल निजी रिसॉर्ट में बचाए जाने से पहले दो वरिष्ठ नागरिकों सहित ग्यारह लोग लगभग छह घंटे तक केबल कार में हवा में फंसे रहे. पुलिस उपाधीक्षक प्रणव चौहान ने मीडिया को बताया कि एक अन्य केबल कार ट्रॉली तैनात कर उन्हें बचाया गया. पुलिस के मुताबिक, केबल कार बीच में ही थी कि ट्रॉली के शाफ्ट में खराबी आ गई. मौके पर पहुंचे मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बचाव अभियान का जायजा लिया.
फंसे हुए पर्यटकों द्वारा एक वीडियो संदेश में मदद की अपील करते हुए कहा गया कि वे दो घंटे से अधिक समय से केबल कार में फंसे हुए हैं, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली है. बचाए गए यात्रियों में से एक अनीता गर्ग ने कहा कि वे पांच से छह घंटे तक फंसे रहे. शिवालिक पहाड़ियों पर रिसॉर्ट में आकर्षण एक पहाड़ की चोटी पर एक केबल कार में टिम्बर हाइट्स (5,000 फीट) की सवारी है. यह भी पढ़े: Himachal Pradesh: परवाणू में केबल कार खराब होने से हवा में अटकी 11 जिंदगियां, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी- Watch Video
तीन महीने से भी कम समय में भारत में केबल कारों से जुड़ी यह दूसरी घटना है. झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ियों को जोड़ने वाली दो केबल कारों के अप्रैल में तकनीकी खराबी के कारण टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. टिम्बर ट्रेल में इसी तरह की घटना 13 अक्टूबर 1992 को हुई थी, जब डॉकिंग स्टेशन के पास केबल टूट गई और 11 यात्रियों को ले जा रही केबल कार पीछे की ओर खिसक गई थी. दहशत में, ऑपरेटर कार से कूद गया था जैसे ही उसने अपनी स्लाइड शुरू की और एक चट्टान पर गिरने के बाद उसकी मृत्यु हो गई.
बता दें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पिछले साल अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट साझा किया था जिसमें बचाव अभियान शुरू होने के समय की तीन तस्वीरें थीं। पहली तस्वीर में केबल कार दिखाई दे रही है, जिस पर टिम्बर ट्रेल परवाणु लिखा है जो हवा में लटकी हुई है. एक अन्य तस्वीर में एक पर्यटक को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर में ले जाते हुए दिखाया गया, जबकि तीसरी तस्वीर में अधिकारियों और कुछ बचाए गए यात्रियों की सामूहिक तस्वीर थी.