HC Agrees to Gujarat Govt’s Uttarayan Guidelines: सार्वजनिक स्थानों पर नहीं होगी पतंगबाजी, सिर्फ सोसायटी में मना पाएंगे उत्तरायण
गुजरात हाई कोर्ट (Photo Credits-ANI Twitter)

14 जनवरी को उत्तरायण / मकर संक्रांति त्यौहार से पहले राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर राज्य भर में हाउसिंग सोसायटियों में सार्वजनिक त्योहारों पर पतंगबाजी पर रोक लगाने की अनुमति दी. गुजरात उच्च न्यायालय ने भी राज्य के इस कदम पर सहमति व्यक्त की. केके निराला द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, गुजरात सरकार के अतिरिक्त सचिव (कानून और व्यवस्था) गृह विभाग, “सार्वजनिक स्थानों, खुले मैदानों या सड़कों / गलियों में व्यक्तियों के पतंग उड़ाने या इकट्ठा करने के किसी भी कार्य को प्रतिबंधित किया जाएगा. चल रही महामारी को देखते हुए यह सलाह दी गई है कि लोगों को त्योहार अपने करीबी परिवार के सदस्यों के साथ ही मनाना चाहिए. लोगों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होना प्रतिबंधित है.

इसमें कहा गया है कि, 'हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों के अलावा, समारोहों के लिए सोसाइटी में बाहरी लोगों का प्रवेश निषिद्ध होगा और उल्लंघन करने पर सोसायटी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डीजे परफोर्मेंस या म्यूजिक सिस्टम जिनसे लोगों की भीड़ बढ़ सकती है, इन सब पर रोक लगाई गई है. 65 वर्ष से ऊपर के लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी जाती है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट में कर्फ्यू जारी रहेगा. यह भी पढ़ें:Supreme Court on Farm Laws: अगर केंद्र कृषि कानूनों को लागू नहीं करना चाहता है, तो हम करेंगे- CJI

अधिसूचना आदेश 9 से 17 जनवरी तक लागू रहेगा. राज्य सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को बताया कि उत्तरायण उत्सव को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की योजना नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर पतंगबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी. उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत 13 पॉइंट्स वाले दिशानिर्देश में राज्य सरकार ने कहा कि हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले लोगों को केवल अपने छतों और खुले मैदानों पर पतंग उड़ाने की अनुमति होगी.

मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने राज्य सरकार को उक्त खंड में जोड़ने का निर्देश दिया कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित कल्याणकारी संघ या हाउसिंग सोसाइटी के सचिव को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उत्तरायण से संबंधित दो याचिकाएं प्राइवेट पक्षों द्वारा एक मुकदमे के साथ स्थानांतरित की गईं, जिसमें मुख्य रूप से राज्य में उत्सव पर प्रतिबंध लगाने और दूसरी पतंग उद्योग में शामिल लोगों की आजीविका के संरक्षण की मांग थी.

कोविद -19 मामलों की पहले की सुनवाई में हाई कोर्ट पीठ ने महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी को निर्देश दिया कि वे राज्य सरकार से निर्देश लें कि वह उत्तरायण उत्सवों की जांच करने की योजना कैसे बनाए ताकि कोविड -19 प्रसार नियंत्रण में रहे. त्रिवेदी ने शुक्रवार को उन 13 पॉइंट्स को सूचीबद्ध किया जो गुजरात सरकार की योजना है, जो ब्रेन स्टोर्मिंग सेशन के बाद आए थे, जिन्हें बेंच की मंजूरी मिलनी थी.