हाथरस, 11 अक्टूबर: हाथरस में कथित रूप से दुष्कर्म की शिकार 19 वर्षीय लड़की के 'जबरन दाह संस्कार' पर बयान देने के लिए सोमवार को पीड़िता का परिवार इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ के समक्ष पेश होगा. कथित रूप से सामूहित दुष्कर्म (Gangrape) के बाद पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में दो हफ्ते बाद मौत हो गई थी. लखनऊ पीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. पीड़िता के बड़े भाई ने पत्रकारों को बताया, "हम में से पांच अदालत में पेश होंगे. प्रशासन ने हमसे पूछा था कि हमारे परिवार के कितने लोग 12 अक्टूबर को सुनवाई के लिए मौजूद होना चाहेंगे. मेरे पिता, माता, बहन, छोटा भाई और मैं अदालत में उपस्थित होंगे."
उन्होंने कहा, "सोमवार को हमारे लखनऊ जाने के दौरान प्रशासन ने पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है." हाईकोर्ट ने हाथरस के डिस्ट्रिक्ट जज से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि मृतका के परिवार के सदस्य अपने बयान दर्ज करा सकें कि क्या हुआ था. राज्य और जिले के अधिकारियों को भी परिवार के लिए जरूरी सभी मदद और सुरक्षा देने के लिए कहा गया है. अदालत ने पीड़िता के अंतिम संस्कार के अगले दिन 1 अक्टूबर को कहा, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या मृतका और उसके परिवार के सदस्यों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है. परिवार के किसी सदस्य की सहमति और मौजूदगी के बिना पीड़िता का देर रात 2.40 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया था.
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अदालत ने मीडिया हाउस से भी कन्टेंट साझा करने के लिए कहा है जिसके आधार पर घटना की रिपोर्टिंग की गई थी. उत्तर प्रदेश राज्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी, एडीजी (कानून और व्यवस्था), और हाथरस के जिलाधिकारी और सुपरिटेन्डेंट को जवाबदेह बनाया गया है. इस बीच, लड़की के भाई ने कहा है कि परिवार को जब तक न्याय नहीं मिल जाता और यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि यह उसी की बहन की राख है, तब राख को विसर्जित नहीं करेगा.