चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर रहने को लेकर सिविल सर्विस (सरकारी कर्मचारी कंडक्ट) नियम, 2016 लागू कर दिया है. सरकार द्वारा लागू किये गए इस नियम के बाद सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए आदेश भी जारी हुआ है. आदेश में कहा गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की भी की जा सकती है.
सरकार के इस आदेश में कहा गया है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रत्याशी के लिए उसके लिए वोट नहीं मांग सकता और न ही किसी भी प्रकार की राजनीतिक प्रचार कर सकता है. आदेश में यहां तक कहा गया है कि कर्मचारी को अपने परिवार के सदस्यों को भी इस तरह की गतिविधियों से रोकना होगा. आदेश के अनुसार, यदि इस तरह की गतिविधि में कोई कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती हैं. यह भी पढ़े: Farmer’s Protest: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से की अपील, कहा- मानवता के आधार पर वापस लें आंदोलन
हरियाणा सरकार का ट्वीट:
हरियाणा सरकार ने जारी किए आदेश, चुनाव में प्रचार करने या वोट मांगने पर कर्मचारियों के खिलाफ होगी सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही. pic.twitter.com/zgOJQUaK38
— DPR Haryana (@DiprHaryana) October 11, 2021
आदेश में इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को किसी भी पार्टी के खास निशान को धारण करने से बचना होगा. यहां अगर उनके पास वाहन है तो उस पर भी किसी भी प्रकार चुनावी या राजनीतिक निशान नहीं होना चाहिए. सरकार के आदेश में इन बातों का अभी जिक्र किया गया है.
बता दें कि सरकार के इस आदेश का सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार पर असर पड़ेगा. अब तक होता था कि सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीत से संबंधित चुनाव प्रचार में शामिल होजाते थे. लेकिन राज्य में इस नियम को लागू होने के बाद कोई भी सरकारी कर्मचारी और अधिकारी किसी भी राजनीतिक कार्य्रकम में शामिल नहीं हो पायेगा.