चंडीगढ़, 20 दिसंबर : हरियाणा के पूर्व सीएम और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) चीफ ओमप्रकाश चौटाला (89) के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. राज्य सरकार ने इस दुखद घटना के मद्देनजर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. हरियाणा सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, प्रदेश में 20 से 22 दिसंबर तक राजकीय शोक रहेगा. 21 दिसंबर को प्रदेश में एक दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है. इसके अलावा 20-22 दिसंबर तक प्रदेश में कोई सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा. 21 दिसंबर को राजकीय सम्मान के साथ पूर्व सीएम का अंतिम संस्कार होगा.
ओमप्रकाश चौटाला ने शुक्रवार को गुरुग्राम में अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे. चौटाला के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई नेताओं ने दुख जताया. पीएम मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया. शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. '' यह भी पढ़ें : एक देश, एक चुनाव के लिए 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित, पीपी चौधरी हो सकते हैं अध्यक्ष
वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक्स पर लिखा, "इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का निधन अत्यंत दुःखद है. मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवनपर्यंत सेवा की.देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें."
इनके अलावा हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, राज्यसभा सांसद किरण चौधरी के अलावा भी कई नेताओं ने उनके निधन पर दुख जताया है.
बता दें कि 1 जनवरी 1935 को सिरसा के चौटाला गांव में जन्में ओमप्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे थे. वह 2 दिसंबर 1989 को पहली बार सीएम बने थे और इस पद पर 22 मई 1990 तक रहे थे. जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को 60 दिन में ही पद से हटा दिया गया था, तब उन्होंने 12 जुलाई 1990 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी. हालांकि, चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला. लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.