भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई शुरू हो चुकी है. इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों अपने पक्ष रखेंगे. यह सुनवाई 18 फरवरी से शुरू होकर यह सुनवाई अगले चार दिनों तक चलेगी. सुनवाई की शुरुआत भारत के पक्ष से होगी. सोमवार को भारतीय वकील हरीश साल्वे और मंगलवार को पाकिस्तानी वकील खावर कुरैशी दलीलें पेश करेंगे. पाकिस्तान अपना पक्ष 19 फरवरी को रखेगा. 20 फरवरी को भारत पाकिस्तान के पक्ष का जवाब देगा. फिर 21 फरवरी को भारत के खिलाफ पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा. 21 फरवरी को मामले में आखिरी दलीलें पेश की जाएंगी. इस साल मामले में अंतिम फैसला आने की उम्मीद है.
बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. भारत ने कहा है कि जाधव निर्दोष हैं. भारत 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा ‘‘हास्यास्पद मुकदमे'' में सुनाई गई सजा के खिलाफ मई 2017 में आईसीजे गया था.
Harish Salve representing India & Kulbhushan Jadhav in ICJ: There is no manner of doubt that Pakistan was using this as a propaganda tool. Pakistan was bound to grant consular access without delay. pic.twitter.com/rsU3rlR6Zz
— ANI (@ANI) February 18, 2019
ICJ में कुलभूषण जाधव के प्रतिनिधी हरीश साल्वे (Harish Salve) ने कहा कि 'यह वियना कन्वेंशन का एक गंभीर उल्लंघन है' हरीश साल्वे ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान प्रोपेगेंडा टूल के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहा था. पाकिस्तान बिना देर किए कांसुलर एक्सेस देने के लिए बाध्य था. कुलदीप जाधव के प्रतिनिधि साल्वे ने कहा कि 30 मार्च 2016 को, भारत ने पाकिस्तान को कांसुलर एक्सेस (जाधव के लिए) के अपने अनुरोध को याद दिलाया और हमें कोई जवाब नहीं मिला. भारत द्वारा अलग-अलग तारीखों पर 13 रिमाइंडर भेजे गए थे.
साल्वे ने कहा कि जाधव को पिछले 3 सालों से ट्रॉमा का सामना करना पड़ रहा है. साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान कन्फेशन डॉक्यूमेंट को पाकिस्तान प्रोपेगेंडा के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि भारत को कोई भी ट्रायल डॉक्यूमेंट नहीं दिया गया है. हरिश साल्वे ने हेग स्थित ICJ में कहा कि पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को कोई वकील भी मुहैया नहीं कराया गया. जाधव के वकील साल्वे ने कहा, '19 जून, 2017 को, भारत ने जांच में सहायता के अनुरोध का जवाब दिया और कहा कि न केवल जाधव को कांसुलर एक्सेस से वंचित किया गया था, बल्कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के किसी भी कार्य में जाधव की भागीदारी दिखाने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं दिया गया है.
Harish Salve in ICJ: Pakistan offered to allow Jadhav's family to visit him, the terms were agreed & the meeting was held on 25th December, 2017. India was dismayed at the manner the meeting with Jadhav's family was conducted & wrote a letter on 27 December marking its protest pic.twitter.com/NowhpGYZKy
— ANI (@ANI) February 18, 2019
जाधव के वकील साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव के परिवार को उनसे मिलने की अनुमति देने की पेशकश की, शर्तों पर सहमति बनी और उनकी (परिवार की) मुलाकात 25 दिसंबर, 2017 को हुई, लेकिन जिस तरह से यह मुलाकात करवाई गई उससे भारत बेहद निराश हुआ और 27 दिसंबर को एक पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया.
Harish Salve in ICJ: On 19th June, 2017, India responded to the request for assistance in investigation & pointed that not only Jadhav had been denied consular access but no credible evidence have been provided by Pakistan to show his involvement in any act of terrorism. 1/2 pic.twitter.com/4jrzNpjjot
— ANI (@ANI) February 18, 2019
साल्वे ने आईसीजे न्यायाधीशों से कहा, पाक ने जाधव को कॉन्सुलर एक्सिस नहीं दिया, पाक मिलिट्री कोर्ट की सुनवाई सही नहीं थी. पाक आईसीजे का इस्तेमाल प्रोपेगैंडा के लिए कर रहा है, जाधव की जांच का कुछ पता नहीं, जाधव को वकील तक नहीं दिया गया और उसको मौत की सजा सुना दी गई. साल्वे ने आईसीजे न्यायाधीशों से कहा, पाकिस्तान दुष्प्रचार के लिए आईसीजे का इस्तेमाल कर रहा है. साल्वे ने आईसीजे में कहा, पाकिस्तान ने जाधव मामले में विश्वसनीय साक्ष्य नहीं दिये और स्पष्ट अपराध बताने में नाकाम रहा.