दिल्ली के सभी झुग्गीवासियों को अगले ढाई साल में मिलेगा मकान: हरदीप सिंह पुरी
अब पूरा होगा अपने घर का सपना (Photo Credits: Twitter)

देश की राजधानी दिल्ली में आने वाले दिनों में कोई झुग्गी नहीं रहेगी, सभी झुग्गीवासियों के पास मकान होगा. यह दावा है केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी का. पुरी ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आईएएनएस के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगले दो-ढाई साल में दिल्ली के सभी झुग्गीवासियों को रहने के लिए मकान दिया जाएगा. केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यो का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, "आने वाले कुछ दिनों में कठपुतली कॉलोनी कालकाजी एक्सटेंशन, जेलरवाला बाग और अशोक बिहार में बने 7,500 नए आवास इन्हें (झुग्गीवासियों को) प्रदान किए जाएंगे जिनके लाभार्थियों की संख्या 37,000 हैं."

उन्होंने बताया कि इसके बाद दूसरे चरण में 34,000 परिवारों को जेजे कलस्टर स्कीम में मकान प्रदान किए जाएंगे जिनमें 1.70 लाख लाभार्थी होंगे. ये मकान दिलशाद गार्डन, पीतमपुरा, शालीमारबाग, रोहिणी, कालकाजी और कुसुमपुर पहाड़ी, वसंत विहार अब अन्य इलाके में हैं. पुरी ने बताया कि तीसरे चरण में 160 जेजे कलस्टर में 85,000 परिवारों को मकान दिया जाएगा जिनमें 4.25 लाख लाभार्थी होंगे. उन्होंने बताया कि आखिर में 186 कलस्टर के लिए अप्रैल 2020 तक टेंडर जारी होंगे इनमें 75,000 परिवार शामिल हैं.

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केंद्रीय मंत्री यहां प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना(पीएमएवाई-यू) की प्रगति की जानकारी दे रहे थे. पुरी ने कहा, "इस योजना के तहत झुग्गियों में निवास करने वाले कुल दो लाख परिवारों को मकान मुहैया करवाए जाएंगे जिनमें 10 लाख लाभार्थी होंगे." उन्होंने, कहा, "पीएमएवाई-यू के तहत 'जहां झुग्गी वहीं मकान' की स्कीम के तहत हमने 7,500 मकान पहले ही बना दिए हैं जिनमें 37,000 लाभार्थी हैं. ऐसे आवास का बाजार में औसत दाम 11-14 लाख रुपये है जिसमें लाभार्थी को सिर्फ 1.42 लाख रुपये देना होगा."

इस मौके पर उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा, "अभी मैंने कल इनका एक बयान पढ़ा जिसमें इन्होंने कहा कि वह दिल्ली को पेरिस और लंदन की तरह स्वच्छ बनाने जा रहे हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण देश के भीतर होता है जिसमें नंबर एक और दो पर इंदौर और भोपाल आते हैं. वैसा भी बनाने के लिए पिछले पांच साल में इन्होंने कुछ नहीं किया."