पर्यावरण एक्टिविस्ट Greta Thunberg के खिलाफ नहीं हुई FIR, दिल्ली पुलिस ने कहा, टूलकिट बनाने वालों पर दर्ज हुआ केस
ग्रेटा थनबर्ग (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया है. FIR में किसी का नाम नहीं है, ये केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है. दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी. प्रवीर रंजन ने साफ कहा कि ग्रेटा थनबर्ग पर एफआईआर नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा, दिल्ली की तीनों बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है, दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया को मॉनिटर कर रही है, लगभग 300 सोशल मीडिया हैंडल पाए गए हैं, जिनका इस्तेमाल घृणित और निंदनीय कंटेंट फैलाने के लिए किया जा रहा है:

बुधवार सुबह ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के लिए अपनी चिंता व्यक्त करते हुए ट्वीट किया था “हम भारतीय किसानों के विरोध प्रदर्शन में उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं." ग्रेटा थनबर्ग ने नीट, जेईई परीक्षाएं टालने की मांग का समर्थन किया

पर्यावरण कार्यकर्ता का ट्वीट सीएनएन वेबसाइट पर एक समाचार के लिए प्रतिक्रिया में आया, जिसमें लिखा है, "भारत में नई दिल्ली के चारों ओर इंटरनेट काट दिया जाता है, क्योंकि आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो जाती है." इसके आलावा पर्यावरण प्रेम के लिए मशहूर ग्रेटा ने किसान आंदोलन के समर्थन में भारत के खिलाफ कैंपेन का प्लान ट्वीट किया था, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया. इसके साथ उन्होंने टूलकिट शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसके चलते वह विवादों में आ गयीं.

ग्रेटा थनबर्ग का ट्वीट-

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग के आलावा अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी समेत कई इंटरनेशनल हस्तियों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों के प्रति समर्थन व्यक्त किया. मंगलवार को सीएनएन के न्यूज आर्टिकल ने अंतर्राष्ट्रीय पॉप सनसनी रिहाना को लिखने के लिए प्रेरित किया था, "हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं? किसानों का विरोध प्रदर्शन."

हालांकि इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है.