नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए आर्थिक रुप से पिछड़े सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले का जहां कुछ लोग चुनावी जुमला बता रहें है. वहीं आप आदमी पार्टी नेता अरविन्द केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. उनका कहना है कि सरकार इसके लिए संसद में विशेष शत्र बुलाए. उनकी पार्टी इस विधेयक को पास करवाने के लिए उनका साथ देंगी.
बता दें कि सरकार को यह फैसला लागू करवाने के लिए सविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संवैधानिक संशोधन करना होगा. ऐसे में सरकार के इस फैसले को लेकर आप नेता अरविन्द केजरीवाल ने ट्विट करते हुए कहा है कि चुनाव के पहले बीजेपी सरकार संसद में संविधान संशोधन करे तो हम सरकार का साथ देंगे. नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र बीजेपी का चुनाव के पहले का स्टंट है. यह भी पढ़े: सवर्ण आरक्षण: इन जातियों को मिलेगा नौकरी और शिक्षा में 10% रिजर्वेशन, देखें पूरी लिस्ट
वहीं यशवंत सिन्हा ने कहा है कि आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव एक जुमले से ज्यादा कुछ नहीं है. ये कई तरह की कानूनी जटिलताओं से लैस है और इसे संसद के दोनों सदनों से पास कराने का समय नहीं है. इस कदम से सरकार पूरी तरह एक्सपोज हो गई है. यह भी पढ़े: मिशन 2019: स्वर्णों पर मेहरबान हुई मोदी सरकार, दिया 10 प्रतिशत आरक्षण
The proposal to give 10% reservation to economically weaker upper castes is nothing more than a jumla. It is bristling with legal complications and there is no time for getting it passed thru both Houses of Parliament. Govt stands completely exposed.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 7, 2019
गौरतलब हो कि मोदी सरकार के फैसले के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे सवर्ण परिवार इस आरक्षण के हकदार होंगे जिनकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम होगी, जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी, जिनका घर 1000 स्क्वेयर फीट से कम क्षेत्रफल का हो, अगर घर नगरपालिका में होगा तो प्लाट का आकार 109 यार्ड से कम होना चाहिए और अगर घर गैर नगर पालिका वाले शहरी क्षेत्र में होगा तो प्लाट का आकार 209 यार्ड से कम होना चाहिए.