नई दिल्ली: भारतीय वस्तुओं और विनिर्माताओं की तरफ बढ़ रहे अधिक झुकाव के बीच सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बिक रहे उप्तादों के लिए स्रोत देश का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है. उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस संबंध में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स को निर्देश जारी कर दिया है.
डीपीआईआईटी का मानना है कि इस कदम से मेक इन इंडिया विजन के लिए अनुकूल माहौल मिलेगा और उपभोक्ता को यह पता चलेगा कि उसका सामान कहां से आया हुआ है. कुछ दिन पहले डीपीआईआईटी इस पर निर्णय लेने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की, जिसमें अमेजन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के प्रतिनिधि शामिल थे. फ्लिपकार्ट ने कहा, उसके मंच पर 90 प्रतिशत विक्रेताओं ने कारोबार फिर शुरू किया
जानकारों की मानें तो ई-पोर्टल्स अधिकांश मामलों में वास्तविक विक्रेता नहीं होते हैं, और वेंडर्स उत्पादों को बेचते हैं, जिनकी संख्या बहुत ज्यादा है. हालांकि ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स ने डीपीआईआईटी के निर्देश को लागू करने के लिए थोड़ा वक्त मांगा है, लेकिन 1 अगस्त से नया नियम लागू करने के लिए कहा गया है. कुछ दिनों पहले ही केंद्र सरकार ने सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर सभी नए उत्पादों के रजिस्ट्रेशन के समय मूल देश का नाम दर्ज करना विक्रेताओं के लिए अनिवार्य कर दिया.
डीपीआईआईटी ने यह फैसला इसलिए अधिक मायने रखता है, क्योंकि सरकार भारतीय वस्तुओं को अधिक बढ़ावा दे रही है और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए कई कदम उठा रही है. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय उत्पादों को महत्व देने की मांग जोर पकड़ने लगी है.