
नई दिल्ली: भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने ChatGPT, DeepSeek और अन्य AI टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. 29 जनवरी को जारी एक आंतरिक निर्देश में मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी कि कार्यालय के कंप्यूटरों और उपकरणों पर AI टूल्स का उपयोग संवेदनशील सरकारी डेटा की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब दुनिया भर में AI टूल्स के दुरुपयोग और डेटा सुरक्षा पर चिंता बढ़ रही है.
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भारत सरकार का मानना है कि ChatGPT और DeepSeek जैसे AI टूल्स संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए खतरा बन सकते हैं. चूंकि ये टूल्स ऑनलाइन डेटा प्रोसेस करते हैं, इसलिए सरकारी सिस्टम से जुड़े डेटा का लीक होने का खतरा बढ़ जाता है.
कई देश लगा चुके हैं AI पर प्रतिबंध?
भारत से पहले भी कई देश AI टूल्स के सरकारी उपयोग पर रोक लगा चुके हैं: ऑस्ट्रेलिया और इटली ने DeepSeek और अन्य AI टूल्स पर डेटा सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रतिबंध लगाया था. यूरोपीय संघ (EU) भी AI के बढ़ते प्रभाव और जोखिमों को लेकर सख्त नियम बनाने की योजना बना रहा है. यह प्रतिबंध ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार AI को लेकर बड़े कदम उठा रही है.
हाल ही में "IndiaAI मिशन" की घोषणा की गई, जिसमें 5 वर्षों में 10,371 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) आज (5 फरवरी) भारत दौरे पर आ रहे हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात करेंगे. ऑल्टमैन की यात्रा का उद्देश्य भारत में AI से जुड़े निवेश और संभावनाओं पर चर्चा करना है.
क्या AI टूल्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लग सकता है?
वर्तमान में, प्रतिबंध सिर्फ सरकारी कार्यालयों और कर्मचारियों के लिए है. आम जनता AI टूल्स का उपयोग कर सकती है, लेकिन यह संभव है कि भविष्य में कुछ सख्त नियम लागू किए जाएं.
OpenAI, Google और Microsoft जैसी कंपनियों पर भी डेटा चोरी और कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर केस दर्ज किए गए हैं. भारतीय अदालतों में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है, जिससे AI के भविष्य पर कई सवाल उठ रहे हैं. भारत सरकार AI के विकास को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन साथ ही डेटा सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर सतर्क भी है.