Impact of US Tariffs on India: ट्रंप ने भारत पर लगाया टैरिफ तो कैसे जवाब देगी मोदी सरकार? जानें क्या है वित्त मंत्रालय का प्लान

India’s Response to US Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है. यह कदम उनके चुनावी वादों के अनुरूप है. हालांकि, भारत को लेकर अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन यह संभव है कि भारतीय उत्पादों पर भी अमेरिका अतिरिक्त शुल्क लगा सकता है. इस स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार पहले से ही तैयारी कर रही है.

अमेरिका: भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार 

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इसलिए भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है. विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय जैसे विभिन्न मंत्रालयों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है. सरकार का उद्देश्य है कि यदि अमेरिका भारतीय उत्पादों पर शुल्क लगाता है, तो उस स्थिति में एक स्पष्ट और प्रभावी रणनीति बनाई जा सके.

बजट 2025-26 में अमेरिका को सकारात्मक संकेत

भारत सरकार ने आम बजट 2025-26 में कुछ ऐसे फैसले लिए हैं, जिन्हें अमेरिका को सकारात्मक संकेत देने के रूप में देखा जा रहा है. इनमें से एक है परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को नागरिक उत्तरदायित्व कानून से राहत देना. इसके अलावा, विदेशी दोपहिया वाहनों के आयात पर शुल्क में कटौती की गई है. यह कदम विशेष रूप से अमेरिकी कंपनियों जैसे हर्ले डेविडसन के लिए फायदेमंद हो सकता है.

राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले भी भारत में अमेरिकी दोपहिया वाहनों के आयात पर अधिक शुल्क लगाने का मुद्दा उठाया था. इसलिए, बजट में 1,600 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों पर सीमा शुल्क की दर 50% से घटाकर 40% कर दी गई है. साथ ही, सेमी नाक्ड डाउन किट्स (जिनमें विदेश से कल-पुर्जे लाकर देश में असेंबल किया जाता है) पर शुल्क की दर 25% से घटाकर 20% कर दी गई है. इससे अमेरिकी कंपनियों को भारत में व्यापार करने में आसानी होगी.

भारत सरकार की तैयारी 

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका की नई सरकार भारत के साथ कैसा व्यवहार करेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि, भारत सरकार पूरी तरह से तैयार है और विभिन्न मंत्रालयों के बीच इस बात पर चर्चा हो रही है कि अमेरिका के किसी भी कदम का जवाब कैसे दिया जाए. इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को नागरिक उत्तरदायित्व कानून से राहत देने के फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा है.

अमेरिकी कंपनियों के लिए निवेश के अवसर

हाल ही में, अमेरिकी सरकार ने भारत की परमाणु ऊर्जा प्रौद्योगिकी से जुड़ी एजेंसियों को अपनी प्रतिबंधित सूची से हटा दिया है. इससे अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने का मौका मिल सकता है. प्रधानमंत्री मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा को इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इस यात्रा की घोषणा की थी, जिससे यह स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है.

अमेरिका की शुल्क नीति भारत के लिए एक चुनौती हो सकती है, लेकिन भारत सरकार ने इससे निपटने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है. बजट में किए गए बदलाव और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में दी गई राहत से अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने का मौका मिलेगा. इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे. भारत सरकार की सोची-समझी रणनीति और तैयारी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.